"ताओ-ते-चिंग": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 1:
'''ताओ-ते-चिंग''' [[ताओ धर्म]] का धार्मिक ग्रन्थ है।
 
[[File:DaoDeJingWangBi.jpg|thumb|230px|[[जापान]] में १७७० के दशक में प्रकाशित हुई 'ताओ ते चिंग' की एक प्रति]]
'''ताओ ते चिंग''' (<small>道德經, Tao Te Ching</small>) या '''दाओ दे जिंग''' (<small>Dao De Jing</small>) प्रसिद्ध [[हान चीनी|चीनी]] [[दार्शनिक]] [[लाओ त्सू]] द्वारा रचित एक [[धर्म ग्रन्थ]] है जो [[ताओ धर्म]] का मुख्य ग्रन्थ भी माना जाता है। इसका नाम इसके दो विभागों के पहले शब्द को लेकर बनाया गया है - 'दाओ' (道, यानि 'मार्ग') और 'दे' (德, यानि 'गुण' या 'शक्ति') - जिनके अंत में 'जिंग' (經, यानि 'पुरातन' या 'शास्त्रीय') लगाया जाता है। पारंपरिक मान्यता के अनुसार लाओ त्सू [[चीन]] के [[झोऊ राजवंश]] काल में सरकारी अभिलेखि (सिरिश्तेदार या रिकॉर्ड​-कीपर) थे और उन्होंने इस ग्रन्थ को छठी सदी ईसापूर्व में लिखा था, हालांकि इसकी रचना की असलियत पर विवाद जारी है। इसकी सबसे प्राचीन पांडुलिपियाँ चौथी शताब्दी ईसापूर्व से मिली हैं।<ref name="ref29yoquq">[http://books.google.com/books?id=giThXv6OvSAC Taoism: The Parting of the Way], Holmes Welch, Beacon Press, 1966, ISBN 9780807059739, ''... Many eminent Sinologists have expressed their views on the question of who wrote the Tao Te Ching and when. To me the "who" seems more important than the "when" because it raises a dangerous question: collective authorship ...''</ref>