"महमूद": अवतरणों में अंतर

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जुलाई २३, २००४ को [[अमरीका]] में [[पेनसिल्वेनिया]] शहर में नींद में ही गुज़र गये । वे बरसों से ह्रदयरोग से पीडीत थे । पिछले बरसों में उनकी सेहत बहुत खराब रेहती थी ।
 
== कैरियर ==
अभिनय को अपना कॅरियर बनाने से पहले महमूद ने ड्राइवर के अलावा और भी कई काम किए लेकिन उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में भी काम जारी रखा। इस दौरान उन्होंने दो बीघा जमीन और प्यासा फिल्म में छोटी भूमिकाएं कीं। बाद में उन्होंने कुछ फिल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।
 
महमूद को फिल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फिल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फिल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था।
 
परवरिश से महमूद की कॉमेडी की प्रतिभा को पहचान मिली। बाद में उन्होंने फिल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने प्यार किए जा, प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फिल्में दीं।
 
अपनी अनेक फिल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए। यह उनके अभिनय की खूबी थी कि दर्शक अक्सर नायक के बजाय उन्हें देखना पसंद करते थे।
 
फिल्मों में अपनी बहुविध कॉमेडी से दर्शकों को दीवाना बनाने के बाद महमूद ने अपनी फिल्म निर्माण कम्पनी पर ध्यान देने का फैसला किया। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फिल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फिल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फिल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फिल्मों में गिना जाता है।
 
अभिनेता, निर्देशक, कथाकार और निर्माता के रूप में काम करने वाले महमूद ने बॉलीवुड के मौजूदा किंग शाहरुख खान को लेकर वर्ष 1996 में अपनी आखिरी फिल्म दुश्मन दुनिया का बनाई लेकिन वह शायद दर्शकों के बदले जायके को समझ नहीं सके और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।
 
==प्रमुख फिल्में==
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==व्यक्तिगत जीवन==
महमूद का जन्म 29 सितम्बर 1932 को मुम्बई में हुआ था। अपने माता-पिता की आठ में से दूसरे नम्बर की संतान महमूद ने शुरुआत में बाल कलाकार के तौर पर कुछ फिल्मों में काम किया था।
 
अभिनय को अपना कॅरियर बनाने से पहले महमूद ने ड्राइवर के अलावा और भी कई काम किए लेकिन उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में भी काम जारी रखा। इस दौरान उन्होंने दो बीघा जमीन और प्यासा फिल्म में छोटी भूमिकाएं कीं। बाद में उन्होंने कुछ फिल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।
 
उनकी भाषा में हैदराबादी जुबान का पुट दर्शकों को बेहद पसंद आया और उनकी संवाद अदायगी और अभिनय के लाजवाब अंदाज ने जल्द ही करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना लिया। महमूद ने जिस वक्त फिल्मों को गम्भीरता से लेना शुरू किया तब भारतीय फिल्मों पर किशोर कुमार की कॉमेडी का जादू छाया था।
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लेखक मनमोहन मेलविले ने अपने एक लेख में महमूद और किशोर के दिलचस्प किस्से को बयान किया है। इसमें कहा गया है कि महमूद ने अपने कॅरियर के सुनहरे दौर से गुजर रहे किशोर से अपनी किसी फिल्म में भूमिका देने की गुजारिश की थी लेकिन महमूद की प्रतिभा से पूरी तरह वाकिफ किशोर ने कहा था कि वह ऐसे किसी व्यक्ति को मौका कैसे दे सकते, जो भविष्य में उन्हें चुनौती देने का माद्दा रखता हो। इस पर महमूद ने बड़े दिलचस्प जवाब में कहा एक दिन मैं भी बड़ा फिल्मकार बन जाउूंगा और आपको अपनी फिल्म में भूमिका दे दूंगा। महमूद अपनी बात के पक्के साबित हुए और आगे चलकर अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म पड़ोसन में किशोर को रोल दिया। इन दोनों महान कलाकारों की जुगलबंदी से यह फिल्म बॉलीवुड की सबसे विलक्षण कॉमेडी फिल्म बनकर उभरी।
 
अपने जीवन के आखिरी दिनों में महमूद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह इलाज के लिए अमेरिका गए जहां 23 जुलाई 2004 को उनका निधन हो गया। दुनिया को हंसाकर लोट-पोट करने वाला यह महान कलाकार नींद के आगोश में बड़ी खामोशी से इस दुनिया से विदा हो गया।
महमूद को फिल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फिल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फिल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था।
 
परवरिश से महमूद की कॉमेडी की प्रतिभा को पहचान मिली। बाद में उन्होंने फिल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने प्यार किए जा, प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फिल्में दीं।
 
अपनी अनेक फिल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए। यह उनके अभिनय की खूबी थी कि दर्शक अक्सर नायक के बजाय उन्हें देखना पसंद करते थे।
 
फिल्मों में अपनी बहुविध कॉमेडी से दर्शकों को दीवाना बनाने के बाद महमूद ने अपनी फिल्म निर्माण कम्पनी पर ध्यान देने का फैसला किया। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फिल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फिल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फिल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फिल्मों में गिना जाता है।
 
अभिनेता, निर्देशक, कथाकार और निर्माता के रूप में काम करने वाले महमूद ने बॉलीवुड के मौजूदा किंग शाहरुख खान को लेकर वर्ष 1996 में अपनी आखिरी फिल्म दुश्मन दुनिया का बनाई लेकिन वह शायद दर्शकों के बदले जायके को समझ नहीं सके और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।
 
अपने जीवन के आखिरी दिनों में महमूद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह इलाज के लिए अमेरिका गए जहां 23 जुलाई 2004 को उनका निधन हो गया। दुनिया को हंसाकर लोट-पोट करने वाला यह महान कलाकार नींद के आगोश में बड़ी खामोशी से इस दुनिया से विदा हो गया।
 
महमूद ने अभिनेत्री [[मीना कुमारी]] की बहन मधु से शादी की थी.
"https://hi.wikipedia.org/wiki/महमूद" से प्राप्त