"संजीव कुमार": अवतरणों में अंतर

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== जीवन ==
संजीव कुमार का जन्म मुंबई में 9 जुलाई 1938 को एकमध्यम वर्गीय गुजराती परिवार में हुआ था। इनका असली नाम हरिहर जारिवाल था. इनका पैतृक निवास [[सूरत]] था, बाद में इनका परिवार [[मुंबई]] आ गया. वह बचपन से हीं फिल्मों में बतौर अभिनेता काम करने का सपना देखा करते थे। फिल्म के प्रति जुनून इन्हें [[भारतीय चलचित्र|भारतीय फिल्म उद्योग]] ले आया. अपने जीवन के शुरूआती दौर मे रंगमंच से जुड़े और बाद में उन्होंने फिल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। इसी दौरान वर्ष 1960 में उन्हें फिल्मालय बैनर की फिल्म हम हिन्दुस्तानी में एक छोटी सी भूमिका निभाने का मौका मिला। जहाँ ये एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता बने. ये आजीवन कुंवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन 1984 में हृदय गति के रुक जाने से इनकी मृत्यु हुई. ये अपने व्यव्हार, विशिष्ट अभिनय शैली के लिए जाने जाते है. संजीव कुमार ने विवाह नहीं की परन्तु प्रेम कई बार किया था. इन्हें यह अन्धविश्वास था की इनके परिवार में बड़े पुत्र के 10 वर्ष का होने पर पिता की मृत्यु हो जाती है. इनके दादा, पिता, और भाई के साथ यह हो चुका था. संजीव कुमार ने अपने दिवंगत भाई के बेटे को गोद लिया और उसके दस वर्ष का होने पर उनकी मृत्यु हो गयी ! संजीव कुमार भोजन के बहुत शौक़ीन थे. बीस वर्ष की आयु में गरीब माध्यम वर्ग के इस युवा ने रंगमच में कम करना शुरू किया. इन्होने छोटी भूमिकाओ से कोई परहेज नहीं किया. एच.अस.रवैल की '[[संघर्ष (1968 फ़िल्म)|संघर्ष]]' में [[दिलीप कुमार]] की बाँहों में दम तोड़ने का दृश्य इतना शानदार किया की अभिनय सम्राट भी सकते में आ गए. सितारा हो जाने के बावजूद भी उन्होंने कभी नखरे नहीं किये. इन्होने [[जया बच्चन]] के स्वसुर, प्रेमी, पिता, पति की भूमिकाएँ भी निभाई. जब लेखक [[सलीम ख़ान]] ने इनसे [[त्रिशूल]] में अपने समकालीन [[अमिताभ बच्चन]] और [[शशि कपूर]] के पिता की भूमिका निभाने का अगढ़ किया तो उन्होंने बेझिजक यह भूमिका इस शानदार ढंग से निभाई की उन्हें ही केंद्रीय पत्र मान लिया गया. इन्होंने बीस वर्ष की आयु में वृद्ध आदमी की भूमिका इतनी खूबी से निभाई कि [[पृथ्वीराज कपूर]] देखकर दंग रह गए.
 
== कैरियर ==