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यद्यपि मैने जिस भाव से काम शुरु किया था उसमें किसी के सन्देश की जरूरत नहीं थी किंतु निस्संदेह इस तरह के आने वाले तब के अन्य बेहद सक्रीय सदस्यों- आशीष जी, गुँजन जी, आदि के सन्देशों से मुझे खुशी हुई थी और काम करने का उत्साह भी बढ़ा था। इसलिए बाद में कुछ नए सदस्यों के सकारात्मक कार्यों के लिए प्रसंशात्मक सन्देश लिखना मुझे जरूरी लगा। मुझे लगता रहा कि पुराने विकिया सदस्यों को इस ओर समुचित ध्यान देते रहना चाहिए।
 
==आलोचना 1 जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला==
 
कई अच्छे लेख आपने बनाए हैं अनिरूद्ध जी। धन्यवाद।