"भिखारीदास": अवतरणों में अंतर

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*भिखारी दास जी के पुत्र अवधेश लाल और पौत्र गौरीशंकर थे जिनके अपुत्र मर जाने से वंश परंपरा खंडित हो गई।
*भिखारी दास जी के निम्न ग्रंथों का पता लगा है -
#रससारांश संवत <ref>- रससारांश 1799</ref>,
#छंदार्णव पिंगल <ref> - छंदार्णव पिंगल संवत 1799</ref> 179
#काव्यनिर्णय <ref> - काव्यनिर्णय संवत 1803</ref>,
#श्रृंगार निर्णय<ref> - श्रृंगारनिर्णय संवत 1807</ref>,
#नामप्रकाश कोश <ref>- नामप्रकाश कोश संवत 1795</ref>,
#विष्णुपुराण भाषा <ref>- विष्णुपुराण भाषा दोहे चौपाई में</ref>;
#छंद प्रकाश,
#शतरंजशतिका,
#अमरप्रकाश <ref>-[[संस्कृत]] अमरकोष भाषा पद्य में</ref>।
;कविता काल
'काव्यनिर्णय' में भिखारी दास जी ने प्रतापगढ़ के सोमवंशी राजा पृथ्वीसिंह के भाई बाबू हिंदूपतिसिंह को अपना आश्रयदाता लिखा है। राजा पृथ्वीपति संवत 1791 में गद्दी पर बैठे थे और 1807 में [[दिल्ली]] के वज़ीर सफदरजंग द्वारा छल से मारे गए थे। ऐसा जान पड़ता है कि संवत 1807 के बाद इन्होंने कोई ग्रंथ नहीं लिखा अत: इनका कविता काल संवत 1785 से लेकर संवत 1807 तक माना जा सकता है।