"राजबहादुर 'विकल'": अवतरणों में अंतर

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'विकल' जी को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री [[मुलायम सिंह यादव]] द्वारा '''जनपद रत्‍‌न''' दिया गया वहीं एक अन्य पूर्व मुख्यमन्त्री [[राजनाथ सिंह]] ने '''तुलसी सम्मान''' से सम्मानित किया। उन्होंने जलालाबाद में '''पुरुषोत्तम आदर्श बालिका विद्यालय''' की स्थापना की थी।
==शासन को ललकार==
[[कश्मीर]] में निरन्तर अशान्ति, नक्सलियों का बढ़ता हुआ प्रभाव, [[आतंकवाद]] का चौतरफा दबाव, [[चीन]] की सर्वग्रासी लिप्सा का कसता हुआ शिकंजा भी जब हमारे कर्णधारों की वोटवादी दृष्टि के कारण उन्हें चिन्तनमूढ़, निर्णय-अक्षम, परमुखापेक्षी देखता है तो बरबस ही राजबहादुर 'विकल' की निम्न ललकार भरी ओजस्वी वाणी<ref>[http://panchjanya.com/arch/2010/9/26/File19.htm "पाञ्चजन्य" में शिवओम अम्बर के लेख से]
</ref> याद आती है जिसे उन्होंने मृत्यु से कुछ दिनों पूर्व ये शब्द दिये थे:
 
"सामर्थ्यहीन [[कौटिल्य]], उतर सिंहासन से नीचे आओ; <br>
शासन संभालनेसँभालने के बदले, कुछ करो और घर को जाओ।<br>
ओ सन्धिपत्र के हस्ताक्षर, सामर्थ्यहीन चिन्तन जाओ;<br>
कायरता के अनुवाद प्रखर, जलते प्यासे सावन जाओ।<br>
 
चन्दन को लपटों ने घेरा,रोको विष के जंजालों को;<br>
गद्दी त्यागो या [[जनमेजय!]] बन, कुचलो मारो व्यालों को!"
 
==सन्दर्भ==