"कश्मीर का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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[[भारत]] के उत्तरतम राज्य [[जम्मू और कश्मीर]] का इतिहास अति प्राचीन काल से आरंभ होता है।
[[Image:Dal Lake.jpg|right|thumb|250px|राजधानी में डल झील में एक शिकारे से दृश्य]]
 
==इतिहास और सभ्यता==
समय के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभावों का संश्लेषण हुआ, जिससे यहां के तीन मुख्य धर्म स्थापित हुए - हिन्दू, बौद्ध और इस्लाम। इनके अलावा सिख धर्म के अनुयायी भी बहुत मिलते हैं।
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===प्राचीन इतिहास===
यहां का प्राचीन विस्तृत लिखित इतिहास है [[राजतरंगिणी]], जो [[कल्हण]] द्वारा 12वीं शताब्दी ई. में लिखा गया था। तब तक यहां पूर्ण हिन्दू राज्य रहा था।
यह [[अशोक महान]] के साम्राज्य का हिस्सा भी रहा। लगभग तीसरी शताब्दी में अशोक का शासन रहा था। तभी यहां बौद्ध धर्म का आगमन हुआ, जो आगे चलकर कुषाणों के अधीन समृध्द हुआ था।
उज्जैन के महाराज [[विक्रमादित्य]] के अधीन छठी शताब्दी में एक बार फिर से हिन्दू धर्म की वापसी हुई। उनके बाद ललितादित्या हिन्दू शासक रहा, जिसका काल 697 ई. से 738 ई. तक था। अवन्तिवर्मन ललितादित्या का उत्तराधिकारी बना। उसने श्रीनगर के निकट अवंतिपुर बसाया। उसे ही अपनी राजधानी बनाया। जो एक समृद्ध क्षेत्र रहा। उसके खंडहर अवशेष आज भी शहर की कहानी कहते हैं।
यहां [[महाभारत]] युग के गणपतयार और खीर भवानी मन्दिर आज भी मिलते हैं। [[गिलगिट]] में पाण्डुलिपियां हैं, जो प्राचीन पाली भाषा में हैं। उसमें बौद्ध लेख लिखे हैं।
त्रिखा शास्त्र भी यहीं की देन है। यह कश्मीर में ही उत्पन्न हुआ। इसमें सहिष्णु दर्शन होते हैं।
चौदहवीं शताब्दी में यहां मुस्लिम शासन आरंभ हुआ। उसी काल में फारस से से सूफी इस्लाम का भी आगमन हुआ।
यहां पर ऋषि परम्परा, त्रिखा शास्त्र और सूफी इस्लाम का संगम मिलता है, जो कश्मीरियातकश्मीरियत का सार है। भारतीय लोकाचार की सांस्कृतिक प्रशाखा कट्टरवादिता नहीं है।
 
===मध्य काल===
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[[दिसम्बर]], [[1963]] में एक दुर्भाग्यशाली घटना में हजरत बल मस्जिद से पवित्र अवशेष की चोरी हो गई। मौलवी फारूक के नेतृत्व के अधीन एक कार्य समिति द्वारा भारी आन्दोलन की शुरूआत हुई, जिसके बाद पवित्र अवशेष की बरामदगी और स्थापना की गई।
 
===पाकिस्तान के साथ युध्दयुद्ध ===
 
[[अगस्त]],[[1965]] में जम्मू कश्मीर में घुसपैठियों की घुसपैठ के साथ पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा आक्रमण किया गया। जिसका भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब दिया गया। इस युद्ध का अंत [[10 जनवरी]], [[1966]] को भारत और पाकिस्तान के बीच [[ताशकन्द समझौता|ताशकंद समझौते]] के बाद हुआ।
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* [[जुलाई]], [[1977]] को पाँचवे आम चुनाव हुए जिनमें नेशनल कांफ्रेंस पुन: सत्ता में लौटी - 68% मतदाता उपस्थित हुए।
* शेख अब्दुल्ला का निधन [[8 सितम्बर]], [[1982]] होने पर, उनके पुत्र डा. फारूख अब्दुल्ला ने अंतरिम मुख्य मंत्री की शपथ ली व छठे आम चुनावों में [[जून]],[[1983]] में नेशनल कांफ्रेंस को विजय मिली।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[राजतरंगिणी]]
*[[ललितादित्य]]
*[[कश्मीर]]
 
==बाहरी कड़ियाँ==
[http://www.bbc.co.uk/hindi/news/story/2003/10/031007_indopakrelations.shtml दशकों पुरानी कटुता] (बीबीसी हिन्दी)
 
 
 
[[श्रेणी:कश्मीर|इतिहास, कश्मीर का]]