"ग्रेफाइट": अवतरणों में अंतर

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'''ग्रेफाइट''' [[कार्बन]] का एक [[बहुरूप]] है। काले भूरे रंग का यह [[अधातु]] [[सिंहल]], [[साइबेरिया]], अमेरिका के [[केलिफोर्निया]], [[कोरिया]], [[न्यूजीलैण्ड]] तथा [[इटली]] में पाया जाता है। इसमें एक विशेष प्रकार की चमक पायी जाती है एवं यह विद्युत तथा ताप का सुचालक होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 2.25 है। यह 700<sup>0</sup>C पर जलकर [[कार्बन डाई-आक्साइड]] बनाता है।
== नामकरण ==
ग्रेफाइट शब्द ग्रीक शब्द ग्रेफो से लिया गया है जिसका अर्थ है मैं लिखता हूँ अर्थात् इसके द्वारा कागज पर निशान बनाया जा सकता है।
 
== रासायनिक संरचना ==
ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन [[परमाणु]] तीन अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ [[सह-संयोजी बन्ध]] द्वारा जुड़ा होता है।<ref>{{cite book |last=गुप्त |first=तारकनाथ |title= भौतिकी एवं रसायन शास्त्र |year=नवंबर २००४ |publisher=भारती पुस्तक मन्दिर, |location=कोलकाता |id= |page= 252-253 |accessday= १६|accessmonth= मई|accessyear= २००९}}</ref> प्रत्येक कार्बन परमाणु के बाहरी कक्ष में उपस्थित चार [[इलेक्ट्रानों]] में से तीन इलेक्ट्रान सह-संयोजी बन्ध बनाने में उपयोग ले लिये जाते हैं तथा प्रत्येक कार्बन परमाणु में चौथा इलेक्ट्रान स्वतंत्र होता है जो एक परमाणु से दूसरे परमाणु में स्थानान्तरित हो सकता है, इसलिए ग्रेफाइट [[ऊष्मा]] तथा [[विद्युत]] का सुचालक होता है।