"कुछ कुछ होता है": अवतरणों में अंतर

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| released = [[१६ अक्टूबर]], [[1998]]
| country = [[भारत]]
| language = [[हिन्दी]] [[उर्दू]]
| budget =
| imdb_id = 0172684
}}
'''कुछ कुछ होता है''' 1998 में बनी [[हिन्दी]] भाषा[[उर्दू]] भाषा की फिल्म है ।
 
== संक्षेप ==
 
इस फिल्म के द्वारा करण जोहर ने अपने निर्देशन करियर की शुरआत की औरतथा शाहरुख़ और काजोल की सफल जोड़ी को एक बार फिर दर्शकों के सामने रखा| लंबे समय से एक हिट की तलाश में चल रहे यश जोहर बॅनर को और खंडाला गर्ल रानी मुख़र्जी को इस फिल्म से बहुत उमीदें थी| मित्र आदित्या चोप्रा की तरह करन जोहर ने भी करियर की शुरआत एक प्रेम कथा से की|
 
फिल्म में रानी मुख़र्जी औरतथा सलमान खान ने अतिथि कलाकार के रूप में कम किया|
 
राहुल(शाहरुख़ खान) औरएवं अंजलि(काजोल देवगन) एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं| राहुल एक खुशदिल औरएवं मस्तमौला लड़का होता है औरतथा अंजलि एक लड़कों जैसी लगने वाली औरतथा उन्ही के जैसे शौक रखने वाली लड़की होती है| अंजलि औरएवं राहुल दोनों बहुत अच्छे दोस्तमित्र होते हैं औरतथा पूरे कॉलेज की जान होते है| जहाँ राहुल कॉलेज की लड़कियों के पीछे भागता है वहीं अंजलि को राहुल की इस तरह की हरकते बेहद नापसंद होती है| पर राहुल को अपने ही कॉलेज मे ऑक्स्फर्ड से पड़ने आई प्रिन्सिपल की बेटी टीना(रानी मुख़र्जी) से प्यार हो जाता है| राहुल को टीना के साथ देखकर अंजलि को जलन होने लगती है औरतथा तब उसे एहसास होता है की अंजलि की राहुल से दोस्ती दोस्ती नहीं प्यार है| टीना भी राहुल से प्यार करने लगती है लेकिनपरन्तु इसी बीच वो अंजलि को देखकर जान जाती है की वो भी राहुल से प्यार करती है| यहाँ कहानी में प्रेम त्रिकोण बनता है लेकिनपरन्तु राहुल औरतथा टीना के लिए अंजलि कॉलेज छोड़ देती है|
 
राहुल औरतथा टीना शादी कर लेते हैं औरतथा उनकी एक बेटी होती है जिसका नाम वे अंजलि रखते हैं| टीना मरने से पहले अपने बेटी के लिए उसके हर जन्मदिन पर एक चिट्ठी तौहफे मे छोड़ कर जाती है| चिट्ठियो मे उसकी, राहुल औरतथा अंजलि के कॉलेज की दास्तान बयान होती है| अंजलि को 8 साल की होने पर पता लगता है कि कॉलेज में अंजलि(काजोल देवगन) उसके पापा से कितना प्यार करती थी औरतथा उसकी मरती हुई माँ का एक ही ख्वाब था -राहुल औरतथा अंजलि को फिर से मिलना| वो कसम खाती है की वो अपने पापा को अंजलि से मिलाएगी औरतथा वो अंजलि को ढूँढना शुरू कर देती है| उसे अंजलि तो मिल जाती है लेकिनपरन्तु तब तक अंजलि की मँगनी अमन(सलमान खान ) से हो चुकी होती है|
 
क्या छोटी अंजलि अपने पापा को उनकी पुरानी कॉलेज की दोस्तमित्र से मिला पाती है औरतथा मँगनी होने के बादपश्चात् भी क्या अंजलि औरएवं राहुल मिल पाते हैं यह फिल्म का चरम है|
 
फिल्म मनोरंजक है लेकिनपरन्तु कई जगह पर कहानी को काट कर छोटा किया जा सकता है| मनीष मल्होत्रा ने कलाकारों के लिए बहुत अच्छे कपड़े डिज़ाइन किए है औरएवं फिल्म के छायांकन की जितनी तारीफ की जाए कम है| कारण जोहर ने अपनी पहली फिल्म में अच्छा निर्देशन किया है| शाहरुख हमेशा की तरह अभिनय में शीर्ष पर रहे है औरतथा ये फिल्म भी उनकी सबसे सफलतम फिल्मों मे से एक गिनी जाती है| साना सईद ने छोटी अंजलि का किरदार बेहतरीन तरीके से निभाया है| रानी मुख़र्जी का किरदार छोटा है पर बाज़ी मारी काजोल देवगन ने| दर्शकों को शाहरुख़ खान औरएवं काजोल देवगन की जोड़ी बेहदबहुत पसंद आई औरतथा यही जोड़ी इस फिल्म की जान है| पर्दे पर काफ़ी समय बादपश्चात शाहरुख़ खान औरएवं सलमान खान को साथ देखना अच्छा लगा| फिल्म की कहानी कुछ कुछ अँग्रेज़ी फिल्म "मैय बेस्ट फ़्रेंड'स वेड्डिंग की याद दिलाती है"| जतिन ललित ने बहुत अच्छा संगीत दिया है औरतथा फिल्म के गीत लंबे समय तक श्रोताओं की ज़ुबानजीभ पर राज करेंगे| कुल मिलाकर यह फिल्म अच्छी औरएवं मनोरंजक है औरतथा देश विदेश में इसे बेहदबहुत पसंद किया गया है|
 
== मुख्य कलाकार - चरित्र ==