"गंगा प्रदूषण नियंत्रण": अवतरणों में अंतर

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==ब्रह्म-द्रव ‘गंगा’ का पराभव!==
 
-देवेश शास्त्री-
भ्रष्टाचार मुक्त भारत की संकल्पना की ही तर्ज पर ब्रह्म-द्रव गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के लिए वर्षों से अकूत संपदा एक्शन प्लान के रूप में बहायाबहायी जाताजाती रहारही है, लेकिन नतीजा सिफर।सिफर ही रहा। गंगा ही नहीं, सभी नदियों की बदहाली है। लीलापुरुषोत्तम श्रीकृष्ण का कालिया मर्दन प्रसंग ही एकमात्र ऐसा एक्शन प्लान है जो जहरीले नद-जगत् को विष हीन अर्थात् प्रदूषण मुक्त कर सकता है। कालिया नाग प्रदूषण का प्रतीक है, जिसके असंख्य फन नाले, नालियों, सीवर लाइनें, फैक्ट्रियों की विषाक्त गंदगी आदि के प्रतीक हैं। इन फनों को कुचलने का तात्पर्य है विषाक्त स्रोतों को रोक देना। सवाल उठता है कि जब नाले नालियां जाम कर दी जायेंगी तो गंदा पानी घरों में जायेगा।जायेगा, हालात खराब होंगे।होंगे, ऐसा नहीं, है। समस्या जब पैदा होती है तब समाधान का रास्ताभी ढूंढा जाता है। पानी घरों में भरेगा तो जल शुष्क संयंत्र यानी सोख्ते बनेंगे।बनाकर इसका निस्तारण किया जा सकता है।
 
==स्वच्छ गंगा अभियान==