"सिलाई मशीन": अवतरणों में अंतर

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सन्‌ 1849 ई. में एलान वी. विल्सन ने स्वतंत्र रूप से दूसरा आविष्कार किया। उसने एक घूमने वाले एवं तथा घूमने वाली बाबिन का आविष्कार किया जो ह्वीलर और विलसन मशीन का मुख्य आधार है। सन्‌ 1850 ई. में विल्सन उससे पेटेंट कराया। इसमें कपड़ा सरकाने वाला चार गति का यंत्र, तो प्रत्येक सीवन के बाद कपड़ा सरका देता था, मुख्य था। उसी समय ग्रोवर ने दुहरे श्रृंखला सीवन (Chain strip) की मशीन आविष्कार किया जो 'ग्रोवर ऐंड बेकर' मशीन का मुख्य सिद्धांत है। 1856 ई. में एक किसान गिब्स ने श्रृंखला सीवन की मशीन बनाई जिसका बाद में विलकाक्स ने सुधार किया और जो 'गिल्ड विलकाक्स' के नाम से प्रख्यात हुई। अब तो इसका बहुत कुछ सुधार हो चुका है।
 
=== भारत में सिलाई मशीन ===
भारत में भी उन्नीसवीं शताब्दी के अंत तक मशीन आ गई थी। इसमें दो मुख्य थीं, अमरीका की सिंगर तथा इंग्लैंड की 'पफ'। स्वतंत्रता के बाद भारत में भी मशीनें बनने लगीं जिनमें उषा प्रमुख तथा बहुत उन्नत है। सिंगर के आधार पर मेरिट भी भारत में ही बनती है।
 
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== सिलाई कैसे होती है? ==
मशीन की सिलाई में तीन प्रकार के सीवन प्रयोग में आते हैं-
* (1) इकहरा श्रृंखला सीवन,
* (2) दुहरा श्रृंखला सीवन,
* (3) दुहरी बखिया।
 
प्रथम में एक धागे का प्रयोग होता और अन्य में दो धागे ऊपर और नीचे साथ-साथ चलते हैं।
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[[yi:ניי מאשין]]
[[zh:縫紉機]]
[[zh-yue:衣車]]