"वार्ता:मनमोहन सिंह": अवतरणों में अंतर

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:'''हिन्दी विकिपीडिया''' केवल भारतीय विकिपीडिया न होकर सभी हिन्दी भाषियों के लिए है, जो किसी भी देश का नागरिक हो सकता है। यहाँ पर लिखते बख्त फलाने देश ने यह किया और फलाने नें यह -लिखने से पहले सही संदर्भ दें। विकिपीडिया को भारतीय राजनीति का अखाड़ा न बनाया, अपना विचार और सिद्धान्त अपने साथ रखें, यहाँ न दें और केवल ज्ञान की दृष्टि से उपयुक्त सामग्री ही लिखें।
:प्रियं ब्रूयात् सत्यं ब्रूयात् मा ब्रुयात् सत्यमप्रियम्।
:: अर्थात् प्रिय लिखे सत्य लिखे, अप्रिय-सत्य नलिखे यदि लिखना है तो सर्वमान्य सन्दर्भ दें। जब तक सर्वसम्म्तसर्वसम्मत नहीं होगा प्रबन्धक उसे लंबित रखें।[[User:Bhawani Gautam|भवानी गौतम]] ([[User talk:Bhawani Gautam|वार्ता]]) 14:46, 12 जून 2012 (UTC)
::: भवानी भाई, आप द्वारा लिखी गयी सुभाषित का सही रूप यह होना चाहिये : ''सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात न ब्रूयात् सत्यंप्रियं''। मेरे खयाल से यह यहाँ लागू नहीं हो सकता क्योंकि 'ज्ञान' में प्रिय और अप्रिय दोनो आते हैं। इतने सारे युद्ध हुए हैं, भीषण नरसंहार हुए हैं, महामारियाँ और प्राकृतिक आपदाएँ हुईं हैं - वे सब 'अप्रिय' ही तो हैं। तमाम सारे रोग ऐसे हैं जिनका नाम लेने मात्र से घृणा आ सकती है। तो क्या उनके बारे में न लिखा जाय? -- <b>[[सदस्य:अनुनाद सिंह|<font color="blue">अनुनाद सिंह</font>]]</b><sup>[[सदस्य वार्ता:अनुनाद सिंह|<font color="green">वार्ता</font>]]</sup> 15:25, 12 जून 2012 (UTC)
: अनुनाद जी, मेरे कहने का तात्पर्य यह है '''किसीको अप्रिय लगना ''' , जहाँ तक ऐसी बात आती है तो सही संदर्भ देना अत्यावश्यक है। और मैनें जो सुभाषित लिखी सही है। संधि विच्छेद कर देखें- संस्कृत में '''मा''' का अर्थ होता है '''न''', सत्यमप्रियम्=सत्यं+अप्रियम्। किताब में देखें, अपने हिसाब से मन मर्जी लिखकर कृपया सही न कहें। आपने '''गयी, चाहिये, दोनो''' लिखे अशुद्ध हैं, हिन्दी व्याकरण देखें, सही शव्द तो ये है- '''गई, चाहिए, दोनों'''। धन्यवाद।[[User:Bhawani Gautam|भवानी गौतम]] ([[User talk:Bhawani Gautam|वार्ता]]) 01:01, 13 जून 2012 (UTC)
 
::: बिल महोदय, जरा देखिये कि आप कहाँ से चले थे और भागते-भागते कहाँ आ गये। तटस्थता की बात शुरू में एक वाक्य में कह सकते थे। <br> जो कड़ियाँ मैने जोड़ी हैं वे मेरी रचना नहीं हैं। आपको 'प्रियम्-प्रियम्' ही चाहिये तो 'अप्रियम' कड़ियों को हटाने के बजाय 'प्रियम्' कड़ियाँ क्यों नहीं जोड़ देते? आप कह रहे हैं कि जो लिंक मैं दे रहा हूं उनकी सामग्री को '''आसानी''' से उस लेख में जोड़ा जा सकता था। अगर इतना ही आसान है तो आपने क्यों नहीं जोड़ दिया? मुझे तो यह बहुत बड़ा काम लग रहा है। कृपया यह भी बताइये कि कहाँ लिखा है कि यदि किसी मामले में किसी भाषा की विकि में कोई स्पष्ट नीति/दिशानिर्देश नहीं हैं तो अंग्रेजी विकि का अनुसरण किया जायेगा?-- <b>[[सदस्य:अनुनाद सिंह|<font color="blue">अनुनाद सिंह</font>]]</b><sup>[[सदस्य वार्ता:अनुनाद सिंह|<font color="green">वार्ता</font>]]</sup> 15:25, 12 जून 2012 (UTC)
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