"तापमापी": अवतरणों में अंतर

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==अंतर्राष्ट्रीय ताप पैमाना==
[[आदर्श गैस तापमापी]] से ताप निकालने में अथक परिश्रम और समय की आवश्यकता होती है। अनेक कारणों से पाठ में त्रुटियाँ होना संभव है और इनके लिये प्राप्त फलों में संशोधन करना होता है। कुछ त्रुटियाँ तो तापमापी की बनावट में उचित परिवर्तन करके दूर की जाती हैं और कुछ के लिये लंबी गणना करनी होती है। इससे यह सिद्ध है कि गैस तापमापी प्रयोगशाला में दैनिक कार्य के लिये उपयुक्त नहीं हो सकता। इसलिये अंतर्राष्ट्रीय निश्चय के अनुसार कुछ पदार्थों के [[गलनांक]] (melting points) और [[क्वथनांक]] (boiling points) प्राथमिक मानक के रूप में प्रयुक्त होते हें। ये अंक आदर्श गैस-पैमाने से बहुत परिश्रम के पश्चात्‌ ठीक रूप से माप लिए गए हैं और उनके मान अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति पा चुके हैं।
 
इसके अतिरिक्त और भी कुछ नियत बिंदु द्वितीय मानक के रूप में निश्चित किए गए हैं। प्रयोगशाला में काम आनेवाले तापमापी इनसे मिलाकर शुद्ध कर लिए जाते हैं। नियत बिंदुओं के मध्यवर्ती ताप अंतर्वेशन (interpolation) द्वारा ज्ञात किए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय पैमाने के लिये निम्नलिखित अंतर्वेशन विधियाँ चुनी गई है :
 
(1) '''0 - 180 सें.° सेलसियस तक''' :
 
इस तापविधि में प्लैटिनम प्रतिरोध तापमापी का प्रयोग किया जाता है। तार शुद्ध प्लैटिनम का और उसका व्यास 0.05 और 0.20 मिमी. के भीतर होना आवश्यक है। ताप निम्नलिखित अंतर्वेशन विधियाँ चुनी गई है :
 
: R1 = R0 { 1+ At+ Bt<sup>2</sup>+ C (t - 100) t<sup>3</sup>}
 
इसमें ( t° ) सें. और 0.00° सें. ताप पर विद्युत प्रतिरोध क्रमश: R1 और R0 है। (A,B,C) स्थिरांक हैं, जो भाप, गंधक और ऑक्सीजन बिंदुओं के प्रतिरोधों द्वारा निकाले जाते हैं।
 
(2) '''0° से 660° सें तक''':
 
इसमें भी उपर्युक्त तापमापी प्रयुक्त होता है, किंतु इसका अंतर्वेशन समीकरण निम्नलिखित है :
 
: Rt = R0 (1+ At+ Bt<sup>2</sup>)
 
A और B हिम, भाप और गंधक बिंदुओं पर तापमापी के प्रतिरोधों द्वारा निकाले जाते हैं।
 
(3) '''660° से0 1063° से0 तक'''
 
इसके लिये एक [[तापांतर युग्म]] (thermocouple) का प्रयोग किया जाता है, जिसका एक तार प्लैटिनम का और दूसरा 90 प्रतिशत प्लैटिनम के साथ 10 प्रतिशत रोडियम की मिश्रधातु का बना होता है। तारों का व्यास 0.35 और 0.65 मिमी0 के भीतर होता है तथा एक जोड़ 0° सें° पर रखा जाता है। अतंर्वेशन सूत्र यह है:
 
: E = a + b t + Ct<sup>2</sup>
 
(E) तापांतर युग्म में विकसित विद्युतद्वाहक बल (E.M.F.)) और (t) सें° पैमाने में ताप है। स्थिरांक (a) (b) और (c) एंटिमनी, रजत और स्वर्ण बिंदुओं पर वि0 वा0 ब0 का मान ज्ञात करके निकाले जाते हैं।
 
1063° से ऊपर के ताप विकरण तापमापियों द्वारा मापे जाते हैं।
 
==विद्युतप्रतिरोधी तापमापी==