"दोहा": अवतरणों में अंतर

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'''दोहा''', मात्रिक [[अर्द्धसम]] [[छंद]] है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में जगण नहीं होना चाहिए। सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है अर्थात अन्त में लघु होता हॅ।है।
 
; उदाहरण -
"https://hi.wikipedia.org/wiki/दोहा" से प्राप्त