"आदर्शवाद": अवतरणों में अंतर

संदर्भ
श्रेणी
पंक्ति 1:
'''आदर्शवाद''' या '''प्रत्ययवाद''' उन विचारों और मान्यताओं की समेकित [[विचारधारा]] है जिनके अनुसार इस जगत की समस्त वस्तुएं [[विचार तत्त्व]] (Idea) या [[चेतना तत्त्व]] (Consciousness) की अभिव्यक्ति है। सृष्टि का सारतत्त्व [[जड़ पदार्थ]] (Matter) नहीं अपितु चेतना है। आदर्शवाद जड़ता या [[भौतिकवाद]] का विपरीत रूप प्रस्तुत करता है।<ref>राजनीति सिद्धांत की रूपरेखा, ओम प्रकाश गाबा, मयूर पेपरबैक्स, २०१०, पृष्ठ-२८, ISBN:८१-७१९८-०९२-९</ref> यह आत्मिक-अभौतिक के प्राथमिक होने तथा भौतिक के द्वितीयक होने के सिद्धांत को अपना आधार बनाता है, जो उसे देश-काल में जगत की परिमितता और जगत की [[ईश्वर]] द्वारा रचना के विषय में [[धर्म]] के जड़सूत्रों के निकट पहुँचाता है। आदर्शवाद चेतना को [[प्रकृति]] से अलग करके देखता है, जिसके फलस्वरूप वह मानव चेतना और संज्ञान की प्रक्रिया को अनिवार्यतः रहस्यमय बनाता है और अक्सर [[संशयवाद]] तथा [[अज्ञेयवाद]] की तरफ बढ़ने लगता है।<ref>दर्शनकोश, प्रगति प्रकाशन, मास्को, १९८0, पृष्ठ-३९१, ISBN: ५-0१000९0७-२</ref>
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{आधार}}[[श्रेणी:दर्शनशास्त्र]][[श्रेणी:विचारधारा]]