"ज़मीनी पुल": अवतरणों में अंतर
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[[File:Journal.pone.0001596.g004.png|thumb|220px|बेरिंग ज़मीनी पुल [[साइबेरिया]] और [[अलास्का]] को जोड़ता था और उसपर चलकर मानव [[एशिया]] से [[उत्तर अमेरिका]] पहुँच गए - [[हिमयुग]] की समाप्ति पर यह क्षेत्र समुद्र के नीचे डूब गया]]
'''ज़मीनी पुल''' (<small>[[अंग्रेज़ी]]: land bridge, लैंड ब्रिज</small>) ऐसे [[भूडमरू]] (इस्थमस) या उस से चौड़े धरती के अंश को कहते हैं जिसके ज़रिये समुद्र द्वारा अलग किये हुए धरती के दो बड़े क्षेत्रों के बीच में जानवर आ-जा सकें और वृक्ष-पौधे फैल सकें। [[हिमयुगों]] (आइस एज) के दौरान ऐसे ज़मीनी पुल अक्सर उभर आते हैं क्योंकि तब समुद्र के पानी का कुछ अंश बर्फ़ में जमा हुआ होने से समुद्र-तल थोड़ा नीचे होता है। इसका एक बड़ा उदाहरण [[भारत]] को [[श्रीलंका]] से जोड़ने वाला [[रामसेतु]] है। यह हिमयुगों में पूरी तरह समुद्र-तल के ऊपर उभरी हुई ज़मीन की एक पट्टी होती
हिमयुगों के अलावा ज़मीनी पुल बनाने के और भी कारण हो सकते हैं। कभी-कभी [[प्लेट विवर्तनिकी]] (टेकटॉनिक्स) में भौगोलिक तख़्तों के हिलने से समुद्र के नीचे का फर्श ऊपर उठकर सतह से ऊपर आ जाता है और दो क्षेत्रों को एक पुल बनाकर जोड़ देता है। कुछ इलाक़ों में हिमयुगों के दौरान चलने वाली [[हिमानियाँ]] इतनी भारी होती हैं कि उनके नीचे की ज़मीन दब जाती है और हिमयुग की समाप्ति पर बर्फ़ पिघलने के बाद वापस उठ जाती है। कभी-कभी यही हिमयुग-उपरान्त उठी हुई धरती दो क्षेत्रों में पुल बना देती है।
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