"आलोचना": अवतरणों में अंतर

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'''आलोचना''' या '''समालोचना''' (Criticism) किसी वस्तु/विषय की, उसके लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उसके गुण-दोषों एवं उपयुक्ततता का विवेचन करने वालि साहित्यिक विधा है। हिंदी आलोचना की शुरुआत १९वीं सदी के उत्तरार्ध में भारतेंदु युग से ही मानी जाती है।
 
किसी वस्तु/विषय की, उसके लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उसके गुण-दोषों एवं उपयुक्ततता का विवेचन करना '''समालोचना''' (Criticism) कहलाता है। 'समालोचना' का शाब्दिक अर्थ है - 'अच्छी तरह देखना' ।
 
==इन्हें भी देखें==