"प्राचीन यूनानी भाषा": अवतरणों में अंतर

छो r2.7.3) (Robot: Modifying lmo:Lengua greca antiga
छो r2.7.3) (Robot: Adding xmf:ჯვეში ბერძენული ნინა; अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 1:
'''प्राचीन यूनानी भाषा''' (अथवा प्राचीन ग्रीक, अंग्रेज़ी : [[:en:Ancient Greek|Ancient Greek]], यूनानी : ''हेल्लेनिकी'') प्राचीन काल के [[यूनान]] देश और उसके आस-पास के क्षेत्रों की मुख्य भाषा थी । इसे [[संस्कृत]] की बहिन भाषा माना जा सकता है । ये [[हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार]] की [[यूनानी भाषाएँ|यूनानी शाखा]] में आती है । इसे एक शास्त्रीय भाषा माना जाता है, जिसमें काफ़ी ज़्यादा और उच्क कोटि का साहित्य रचा गया था, जिसमें सबसे ख़ास [[होमर]] के दो महाकाव्य [[इलियाड]] और [[ओडेस्सी]] हैं । इसका व्याकरण, शब्दावली, ध्वनि-तन्त्र और संगीतमय बोली इसे संस्कृत के काफ़ी करीब रख देती है । इसकी बोलभाल कि बोली '''कोइनै ग्रीक''' में ही [[बाइबल]] का लगभग सारा [[नया नियम]] लिखा गया था ।
 
== लिपि ==
ये भाषा [[यूनानी लिपि]] में लिखी जाती थी, जिसके अक्षर आज भी गणित में प्रयुक्त होते हैं । प्राचीन यूनानी लिपि पहले बायें से दायें लिखी जाती थी, फिर अगली पंक्ति में दायें से बायें । यही नहीं, अगली पंक्ति मे सभी अक्षरों के आइने वाले प्रतिबिम्ब लिखने होते थे ! लगभाग दूसरी सदी ईसापूर्व से यूनानियों ने लिखावट हमेशा बायें से दायें लिखना शुरु कर दिया । अक्षर कुछ प्रान्तीय भिन्नता भी रखते थे ।
 
== ध्वनि-तन्त्र ==
संस्कृत को छोड़ प्राचीन यूनानी शायद अकेली ऐसी भाषा है (हिन्द-यूरोपीय परिवार में), जिसमें शुद्ध महाप्राण ध्वनियाँ मिल सकती हैं : फ, थ और ख ।
 
== शब्द रूप ==
संस्कृत की ही तरह प्राचीन यूनानी भी बहिर्मुखी श्लिष्ट-योगात्मक भाषा थी । मतलब कि उसमें भी शब्दों के अन्त में प्रत्यय लगाकर संज्ञा और क्रिया के रूप और विभक्तियाँ बनायी जाती थीं । संस्कृत को छोड़कर प्राचीन यूनानी हि ऐसी भाषा है जिसमें संज्ञा और क्रिया में "द्विवचन" होता है ।
 
[[श्रेणी:विश्व की भाषाएँ]]
पंक्ति 76:
[[tr:Grekçe]]
[[uk:Давньогрецька мова]]
[[xmf:ჯვეში ბერძენული ნინა]]
[[zh:古希臘語]]