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===सागरीय बायोम===
सागरीय बायोम अन्य बायोम से इस दृष्टि से विशिष्ट है कि इसकी परिस्थितियाँ (जो प्रायः स्थलीय बायोम में नहीं होती हैं) पादप और जन्तु दोनों समुदायों को समान रूप से प्रभावित करती हैं। महासागरीय जल का तापमान प्रायः 0° से ३0° सेण्टीग्रेट के बीच रहता है, जिसमें घुले लवण तत्वों की अधिकता होती है। इस बायोम में जीवन और [[खाद्य श्रृंखला|आहार श्रृंखला]] का चक्र सूर्य का प्रकाश, जल, [[कार्बन डाईऑक्साइड|कार्बन डाई ऑक्साइड]], [[ऑक्सीजन]] की सुलभता पर आधारित होता है। ये समस्त कारक मुख्य रूप से सागर की ऊपरी सतह में ही आदर्श अवस्था में सुलभ होते हैं, क्योंकि प्रकाश नीचे जाने पर कम होता जाता है तथा २00 मीटर से अधिक गहरायी तक जाने पर पूर्णतया समाप्त हो जाता है। ऊपरी प्रकाशित मण्डल सतह में ही प्राथमिक उत्पादक पौधे (हरे पौधे, पादकपादप प्लवक (फाइटोप्लैंकटन) [[प्रकाश संश्लेषण]] द्वारा आहार उत्पन्न करते हैं) तथा प्राथमिक उपभोक्ता -जन्तुप्लवक(जूप्लैंकटन)- भी इसी मण्डल में रहते हैं तथा पादप प्लवक का सेवन करते हैं।<ref>भौतिक भूगोल का स्वरूप, सविन्द्र सिंह, प्रयाग पुस्तक भवन, इलाहाबाद, २०१२, पृष्ठ ६८१, ISBN: ८१-८६५३९-७४-३</ref>
==इन्हें भी देखें==
*[[परितंत्र]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बायोम" से प्राप्त