"नीहारिका": अवतरणों में अंतर

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[[File:Nursery of New Stars - GPN-2000-000972.jpg|thumb|250px|त्रिकोणीय उत्सर्जन गैरेन नीहारिका (द ट्रेंगुलम एमीशन गैरन नॅब्युला) NGC 604]]
[[File:The Crab Nebula NASA.ogv|thumb||[[नासा]] द्वारा जारी [[क्रैब नॅब्युला]] (कर्कट नीहारिका) वीडियो]]
'''निहारिका''' या '''नॅब्युला''' [[अंतरतारकीय माध्यम]] (इन्टरस्टॅलर स्पेस) में स्थित ऐसे [[अंतरतारकीय बादल]] को कहते हैं जिसमें [[खगोलीय धूल|धूल]], [[हाइड्रोजन]] गैस, [[हीलियम]] गैस और अन्य आयनीकृत (आयोनाइज़्ड) [[प्लाज़्मा (भौतिकी)|प्लाज़्मा]] गैसे मौजूद हों। पुराने ज़माने में "नीहारिका" खगोल में दिखने वाली किसी भी विस्तृत [[खगोलीय वस्तु|वस्तु]] को कहते थे। [[क्षीरमार्गआकाशगंगा]] (हमारी [[आकाशगंगागैलेक्सी]]) से परे कि किसी भी आकाशगंगागैलेक्सी को नीहारिका ही कहा जाता था। बाद में जब [[एडविन हबल]] के अनुसन्धान से यह ज्ञात हुआ कि यह आकाशगंगाएँगैलेक्सीएँ हैं, तो नाम बदल दिए गए। उदाहरण के लिए [[एंड्रोमेडा आकाशगंगागैलेक्सी]] को पहले एण्ड्रोमेडा नॅब्युला के नाम से जाना जाता था। नीहारिकाओं में अक्सर [[तारे]] और [[ग्रहीय मण्डल]] जन्म लेते हैं, जैसे कि [[चील नीहारिका]] में देखा गया है। यह नीहारिका [[नासा]] द्वारा खींचे गए "पिलर्स ऑफ़ क्रियेशन" अर्थात् [["सृष्टि के स्तम्भ"]] नामक अति-प्रसिद्ध चित्र में दर्शाई गई है। इन क्षेत्रों में गैस, धूल और अन्य सामग्री की संरचनाएं परस्पर "एक साथ जुड़कर" बड़े ढेरों की रचना करती हैं, जो अन्य पदार्थों को आकर्षित करता है एवं क्रमशः सितारों का गठन करने योग्य पर्याप्त बड़ा आकार ले लेता हैं। माना जाता है कि शेष सामग्री [[ग्रहों]] एवं ग्रह प्रणाली की अन्य वस्तुओं का गठन करती है।
 
==अन्य भाषाओँ में==
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लगभग 150 ईस्वी पूर्व [[क्लाडियस टॉलमी]] (टॉलमी) ने अपनी पुस्तक ''[[आल्मागेस्ट]]'' के VII-VIII अंक में नीहारिकाओं में प्रकट होनेवाले पांच सितारों का उल्लेख किया है. उन्होंने [[सप्तर्षि तारामंडल]] में एक बादलों से युक्त या धुंधले क्षेत्र का भी उल्लेख किया था, जो किसी भी तारे के साथ नहीं जुड़ा था.<ref>{{cite
| first=P. | last=Kunitzsch | year=1987 | title=A Medieval Reference to the Andromeda Nebula | journal=Messenger | volume=49 | pages=42–43 | url=http://www.eso.org/sci/publications/messenger/archive/no.49-sep87/messenger-no49-42-43.pdf | bibcode=1987Msngr..49...42K | accessdate=2009-10-31 }}</ref> [[तारागुच्छों]] से भिन्न पहली वास्तविक नीहारिका का उल्लेख [[ईरान|फारसी]] खगोलविद [[अब्द अल- रहमान अल-सूफी]] ने अपनी "स्थित तारों की पुस्तक" (964) में किया था.<ref name="Jones">{{citation|title=Messier's nebulae and star clusters|author=Kenneth Glyn Jones|publisher=[[Cambridge University Press]]|year=1991|isbn=0521370795|page=1}}</ref> उन्होंने [[एण्ड्रोमेडा आकाशगंगागैलेक्सी]] के स्थान पर "एक छोटा बादल" देखा था.<ref name="rasqj25">{{cite journal | last=Harrison | first=T. G. | year=1984 | month=March | title=The Orion Nebula&nbsp;— where in History is it | journal=Royal Astronomical Society Quarterly Journal | volume=25 | issue=1 | pages=70–73 | bibcode=1984QJRAS..25...65H }}</ref> उन्होंने [[ओम्रीक्रान वेलोरम]] नक्षत्र पुंज को "नेब्यलस स्टार" या अस्पष्ट तारे एवं अन्य अस्पष्ट वस्तुओं को [[ब्रुची'ज क्लस्टर]] के रूप में चिन्हित किया था.<ref name="Jones" /> 1054 में अरब और [[चीनी खगोलविदों]] द्वारा [[क्रैब नेब्यल]] SN 1054 की रचना करने वाले [[सुपरनोवा]] को देखा गया था.<ref name="Lundmark">[10] ^ लैंडमार्क के. (1921), ''[http://adsabs.harvard.edu/cgi-bin/nph-data_query?bibcode=1921PASP...33..225L&amp;link_type=ARTICLE&amp;db_key=AST पुराने इतिहास एवं हाल के भूमध्यरेखीय अध्ययन में दर्ज संदिग्ध नए सितारे]", एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी ऑफ़ द पैसिफिक का प्रकाशन, वी. 33, पृ.225, ''</ref><ref name="Mayall">मायाली एन. यू. (1939), [http://adsabs.harvard.edu/cgi-bin/nph-data_query?bibcode=1939ASPL....3..145M&amp;link_type=ARTICLE&amp;db_key=AST क्रैब नेब्यल, एक संभावित अभिनव तारा (सुपरनोवा)] ,'' एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी ऑफ़ द पैसिफिक की पुस्तिकाएं, 3 वी., पृ.145''</ref>
 
अज्ञात कारणों की वजह से अल-सूफी [[ओरियन नेब्यल]] (मृग नक्षत्र की नीहारिका) को पहचानने में विफल रहे, जो कि रात के आकाश में कम से कम एंड्रोमेडा आकाश गंगा के बराबर स्पष्ट दिखाई देता है. 26 नवम्बर 1610 को [[निकोलस-क्लॉड फाबी दे पिरेस्क]] ने एक दूरबीन का उपयोग कर ओरियन नेब्यल का आविष्कार किया. 1618 में [[जॉन बेप्टिस्ट सीस्ट]] ने भी इस नीहारिका का अध्ययन किया. हालांकि, 1659 तक अर्थात् [[ईसाई हाइजेन्स]] जो अपने को नीहारिकाओं या इस खगोलीय धुंधलके का अविष्कार करने वाले पहला व्यक्ति मानते थे, से पहले ओरियन नेब्यल पर कोई विस्तृत अध्ययन नहीं हुआ.<ref name="rasqj25" />
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==नीहारिकाओं के प्रकार==
===परम्परागत प्रकार===
नीहारिकाओं को चार प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया गया है. पहले आकाशगंगाओंगैलेक्सीओं और [[गोल तारागुच्छों]] को भिन्न प्रकार की नीहारिकायें समझा जाता था. [[आकाशगंगाओंगैलेक्सीओं]] की सर्पाकार संरचना की व्याख्या के लिए सर्पाकार नीहारिका का उपयोग किया जाता था.
* [[H II क्षेत्र]], जो विसरित नीहारिका, उज्ज्वल नीहारिका और प्रतिबिंब नीहारिका को घेरे रहता है.
* ग्रहों की नीहारिका
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*[[अस्त-व्यस्त वस्तु]]
*[[ओरियन आणविक बादल परिसर]]
*[[अंतरतारकीय माध्यम और आकाशगंगाओंगैलेक्सीओं के बीच के माध्यम की समयरेखा]]
 
==सन्दर्भ==