"जल महल": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
जल महल का निर्माण [[१७९९]] में हुआ था। इसके निर्माण के लिए राजपूत शैली से तैयार की गई नौकाओं की मदद ली गई थी। बाद में महाराजा [[जयसिंह]] ने इस महल का जीर्णोद्धार करवाया था। राजा इस महल को अपनी रानी के साथ ख़ास वक्‍त बिताने के लिए इस्‍तेमाल करते थे। वे इसका प्रयोग शाही उत्सवों पर भी करते थे।
== विशेषता ==
चांदनी रात में झील के पानी में इस महल का नजारा बेहद आकर्षक होता है।
महलतपते कीरैगिस्तान ख़ासियतके यहबीच हैबसे किइस यहाँमहल गर्मीमें गरमी नहीं लगती, क्‍योंकि इसके कई तल पानी के अंदर बनाए गए हैं। यहाँइस महल से पहाड़ और झील का ख़ूबसूरत नज़ारा भी देखा जा सकता है। चांदनी रात में झील के पानी में इस महल का नजारा बेहद आकर्षक होता है।
 
 
 
विशेषता
 
महल की ख़ासियत यह है कि यहाँ गर्मी नहीं लगती, क्‍योंकि इसके कई तल पानी के अंदर बनाए गए हैं। यहाँ से पहाड़ और झील का ख़ूबसूरत नज़ारा भी देखा जा सकता है।
जयपुर-आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्‍य स्थित इस महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ के बाद अपनी रानियों और पंडित के साथ स्‍नान के लिए करवाया था।
इससे पूर्व जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/जल_महल" से प्राप्त