"रेडियो खगोलशास्त्र": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:USA.NM.VeryLargeArray.02.jpg|thumb|230px|[[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिका]] के [[न्यू मेक्सिको]] राज्य के रेगिस्तान में लगी रेडियो दूरबीनों की एक शृंखला]]
'''रेडियो खगोलशास्त्र''' (<small>Radio astronomy</small>) [[खगोलशास्त्र]] की वह शाखा है जिसमें [[खगोलीय वस्तुओं]] का अध्ययन [[रेडियो आवृत्ति]] (फ़्रीक्वॅन्सी) पर आ रही [[रेडियो तरंगों]] के ज़रिये किया जाता है। इसका सबसे पहला प्रयोग १९३० के दशक में कार्ल जैन्सकी (<small>Karl Jansky</small>) नामक [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिकी]] खगोलशास्त्री ने किया था जब उन्होंने [[
रेडियो खगोलशास्त्र में भीमकाय [[एन्टेना|रेडियो एन्टेना]] के ज़रिये रेडियो तरंगों को पकड़ा जाता है और फिर उनपर अनुसन्धान किया जाता है। इन रेडियो एन्टेनाओं को रेडियो दूरबीन (रेडियो टेलिस्कोप) कहा जाता है। कभी-कभी रेडियो खगोलशास्त्र किसी अकेले एन्टेना से किया जाता है और कभी एक पूरे रेडियो दूरबीनों के गुट का प्रयोग किया जाता है जिसमें इन सबसे मिले रेडियो संकेतों को मिलकर एक ज़्यादा विस्तृत तस्वीर मिल सकती है। क्योंकि रेडियो दूरबीनों का आकार बड़ा होता है इसलिए अक्सर ऐसी दूरबीनों की शृंखलाएँ शहर से दूर रेगिस्तानों और पहाड़ों जैसे बीहड़ इलाकों में मिलती हैं।<ref name="ref04rudid">[http://books.google.com/books?id=mFVRWG9Xf4QC The Radio Sky and How to Observe It], Jeff Lashley, Springer, 2010, ISBN 978-1-4419-0882-7</ref>
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