"मुँह": अवतरणों में अंतर
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==संपर्क बनाना==
मनुष्यों में वार्ता के द्वारा संपर्क स्थापित करना मुँह का खाने के बाद दूसरा सबसे प्रमुख काम होता है। अन्य पशु भी एक दूसरे से संपर्क स्थापित करते हैं लेकिन सिर्फ़ गले से निकली ध्वनियों के द्वारा। मनुष्य एकमात्र ऐसा पशु है जो कि मुँह की मदद से समझ में आने वाली आवाज़ें निकाल सकता है जिसे हम [[वार्तालाप]] कहते हैं।<ref name = "Speech">{{cite journal| last = Berkowitz| first = Doriet| title = Human Speech Production Mechanisms| date = मई २००३| accessdate = २० जुलाई २०१२| url =http://www.analogue.org/network/Speech%20production.pdf}}</ref><br />
पुराने काल में जब शब्द संरचना के साथ-साथ भाषा का भी विकास हो रहा था लेकिन लिपि तब तक ईजाद नहीं हुयी थी, मनुष्य ऐतिहासिक, सामाजिक तथा अन्य घटनाओं के बारे में एक दूसरे को यह घटनायें कहानियाँ सुनाने के ज़रिए बताते थे। क्योंकि इस तरीक़े में लेखन क्रिया का अभाव था, इसलिए इसे '''मौखिक''' रूप से
==सन्दर्भ==
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