"निज़ाम-उल-मुल्क आसफजाह": अवतरणों में अंतर

बाहरी कड़ियाँ
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==आरंभिक जीवन==
==राजनीतिक जीवन==
१७२0 से २२ तक उसनेनिज़ामुल मुल्क ने दक्कन में अपनी स्थिति सुदृढ़ कर ली थी। वह १७२२ से १७२४ तक साम्राज्य का वजीर रहा। [[सैय्यद बंधु|सैय्यद बंधुओं]] को गद्दी से हटाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उन्हें [[दक्कन]] का [[वायसराय]] भी कहा गया। बादशाह मुहम्मद शाह के शासन में [[वज़ीर]] के काम से तंग आकर दक्कन वापस लौट गया और हैदराबाद राज्य की नींव रखी ।1948 में उनके मरणोपरांत हैदराबाद दिल्ली शासक के अधीन हो गया।
बादशाह मुहम्मद शाह के शासन में वजीर के काम से तंग आकर दक्कन वापस लौट गया और हैदराबाद राज्य की नींव रखी ।1948 में उनके मरनोपरांत हैदराबाद दिल्ली शासक के अधीन हो गया।
 
==सन्दर्भ==