"महाभोज": अवतरणों में अंतर
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'''महाभोज''' [[मन्नू भंडारी]] द्वारा लिखा गया एक [[उपन्यास|हिंदी उपन्यास]] है। उन्यास में [[अपराध]] और [[राजनीति]] के गठजोड़ का [[यथार्थवाद|यथार्थवादी]] चित्रण किया गया है।
==कथानक==
महाभोज उपन्यास का ताना-बाना सरोहा नामक गाँव के इर्द-गिर्द बुना गया है। सरोहा गाँव [[उत्तर प्रदेश]] के पश्चिमी भाग में स्थित है, जहाँ विधान सभा की एक सीट के लिए चुनाव होने वाला है। जातिगत समीकरण किस प्रकार भारतीय स्थानीय राजनीति का अनिवार्य अंग बन गये हैं, उपन्यास की केंद्रीय चिंता है। पिछड़ी और वंचित जाति के लोगों के साथ अत्याचार और प्रतिनिधि चरित्रों द्वारा उसका प्रतिरोध कथा को गति प्रदान करता है।
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