"नाज़ी जर्मनी": अवतरणों में अंतर

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===पृष्ठभूमि===
१९२० के दशक के शुरुआती सालों में नाज़ी आन्दोलन ने ज़ोर पकड़ा, जब [[प्रथम विश्वयुद्ध]] से सेवानिवृत्त गुस्साए युवाओं ने [[वर्साय की संधि]], [[वाइमर गणराज्य]] तथा [[प्रजातंत्र]] को मानने से इन्कार कर दिया। उन्होंने [[आर्य]] कुलवंश के पुनरुत्थान की मांग की और जर्मनी के सारे कष्टों का दोषी [[यहूदी|यहूदियों]] को ठहराया। उन्होंने बहुत ही प्रभावशाली मतप्रचार से लोगों को यह बतलाया कि प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी की हार का कारण उसकी सेना नहीं बल्कि यहूदी, [[साम्यवादी]] तथा अन्य विनाशक शक्तियाँ थीं जो देश के असैनिक वर्ग में मौजूद थीं।
===नाट्सी द्वारा शक्ति हड़पना===
===राइनलैंड में दुबारा सैन्य दख़ल===
==सन्दर्भ==
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