"नाज़ी जर्मनी": अवतरणों में अंतर

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'''नाज़ी जर्मनी''', और'''नाट्सी जर्मनी''' या '''तीसरा राइख''' १९३३ और १९४५ के बीच [[जर्मनी]] के लिए इतिहासकारों द्वारा सामान्य अंग्रेजी नाम हैंदिया गया है, जबकिजब जर्मनी पर [[अडोल्फ़ हिटलर]] के नेतृत्व वाली नेशनल सोशलिस्ट जर्मन कार्यकर्ता पार्टी (NSDAP) का एकछत्र राज्य था। ३० जनवरी १९३३ को अडोल्फ़ हिटलर जर्मनी का चांसलर बना और जल्दी ही सारे विरोध को ख़त्म करके वह उस देश का इकलौता नेता बन बैठा। देश ने उसे '''फ़्युअरर''' (जर्मन भाषा में लीडर) कहकर पूजना शुरु कर दिया और सारी ताक़त उसके हाथ में सौंप दी। इतिहासकारों ने बड़ी सभाओं में उसके वाक्चातुर्य और कमरे में हुयी बैठकों में उसकी आँखों से होने वाले मंत्रमुग्ध लोगों का ज़ोर देकर बताया है।<ref>{{cite book|author=Neil J. Kressel|title=Mass Hate: The Global Rise Of Genocide And Terror|url=http://books.google.com/books?id=UfSI6mU2fDIC&pg=PA121|year=2002|accessdate=27-07-2012|publisher=Basic Books|page=121}}</ref> शनैः शनैः यह बात प्रचलन में आ गई कि फ़्युअरर का वचन विधि से भी ऊपर है। दरअसल यह मत लोगों के बीच हिटलर के मतप्रचालन (propaganda) मंत्री [[डा. पावॅल योसॅफ़ गॅबॅल्स|गॅबॅल्स]] ने रखा था जिसे प्रथम विश्वयुद्ध और [[वर्साय की संधि]] से सताई गई जनता ने दोनों हाथों से हड़प लिया। सरकार के शीर्षस्थ अधिकारी केवल हिटलर को रिपोर्ट देते थे और उसी की नीतियों का अनुसरण भी करते थे, हालांकि उनकी कार्यशैली में कुछ हद तक स्वायत्ता बरक़रार थी।
==इतिहास==
===पृष्ठभूमि===