"मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== दल ==
अजन्ता आर्ट बॉम्बे की पूरी टीम ने मध्य प्रदेश में जाकर इस फिल्म की शूटिंग की थी।
==गीत एवं संगीत ==
इस फिल्म का संगीत [[जयदेव|जयदेव वर्मा]] ने दिया था जबकि गाने मशहूर उर्दू शायर [[साहिर लुधियानवी]] ने लिखे थे। पार्श्व गायिका [[आशा भोंसले]] द्वारा गाया गया गीत-"नदी नारे न जाओ श्याम पैंयाँ परूँ" सबसे बेहतरीन सिचुएशन पर फिल्माया गया था।<ref>{{cite book |title=Hindi Film Song: Music Beyond Boundaries|last=Ranade|first=Ashok Da.|authorlink= |coauthors= |year=2006|publisher=Bibliophile South Asia|isbn=81-85002-64-9|page=367 |url=http://books.google.co.in/books?id=ZI1wqkWsIjYC&pg=PA367&dq=Mujhe+Jeene+Do&cd=7#v=onepage&q=Mujhe%20Jeene%20Do&f=false |ref= }}</ref>
इस फिल्म का संगीत [[जयदेव|जयदेव वर्मा]] ने दिया था।
 
इस फिल्म के अन्य गाने पार्श्व गायकों के नाम के साथ इस प्रकार हैं-
 
* अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है ([[मोहम्मद रफ़ी]])
* तेरे बचपन को जवानी की दुआ देती हूँ ([[लता मंगेशकर]])
* मोहे न यूँ घूर-घूर के देखो (लता मंगेशकर)
* रात भी है कुछ भीगी-भीगी (लता मंगेशकर)
* मोको पीहर में मत छेड़ (आशा भोंसले)
* माँग में भर ले रंग सखी री सावन के दिन आये (आशा भोंसले)<ref>[http://www.kaustubh.com/search.asp?choice=actor&exact=true&name=Tarun%20Bose Songs of Mujhe Jeene Do]</ref>
 
== रोचक तथ्य ==
यह पूरी की पूरी फिल्म [[चम्बल परियोजना|चम्बल घाटी]] के डाकू समस्याग्रस्त इलाके [[भिण्ड]] एवं [[मुरैना]] जिलों के खतरनाक बीहड़ों में [[मध्य प्रदेश]] पुलिस के सुरक्षा कवच में फिल्मायी गयी थी।<ref>{{cite news|url=http://beta.thehindu.com/arts/cinema/article428970.ece|title=Mujhe Jeene Do (1963)|date=May 13, 2010|work=The Hindu}}</ref>,