"मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
राजस्थान से सटे मध्य प्रदेश के भिण्ड व मुरैना जिले [[ब्रिटिश भारत]] में एक स्वतन्त्र रियासत के अन्तर्गत आते थे। उस रियासत का नाम था [[ग्वालियर]]। इस क्षेत्र को तोमरधार<ref>[http://wikisource.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A5%E0%A4%AE_%E0%A4%96%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%A1 प्रथम खण्ड (आत्मचरित)]</ref> भी कहा जाता था। यहाँ के निवासी स्वभाव से उग्र थे और किसी भी राज्य सत्ता की परवाह नहीं करते थे। उन्हें डाकू बन कर दर-दर भटकना पसन्द था किन्तु सरकार को टैक्स देना मंजूर न था। अपनी इस आन, बान और शान के लिये वे जान की बाजी लगाना बेहतर समझते थे। पूरे के पूरे परिवार तबाह हो जाते थे। सुनील दत्त ने इस समस्या का गम्भीर अध्ययन किया और डकैतों के वास्तविक जीवन को लेकर एक महत्वपूर्ण फिल्म बनायी। जिसमें डाकू जरनैलसिंह की मुख्य भूमिका स्वयं सुनील दत्त ने निभायी थी जबकि चमेली जान नामक वेश्या का रोल वहीदा रहमान ने किया था।
 
== चरित्र ==