"मानचित्र": अवतरणों में अंतर

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===मानचित्र प्रक्षेप===
{{मुख्य|मानचित्र प्रक्षेपण}}
चौरस कागज पर गोलक से इन रेखाओं को उतारकर जो जाल तैयार होता है, उसे '''रेखाजाल''' (net) कहते हैं। अत: परिभाषा के रूप में एक समतल धरातल पर (चौरस कागज पर) एक निश्चित पैमाने के अनुसार पृथ्वी या किसी क्षेत्र की अंक्षांश एवं देशांतर रेखाओं को क्रमबद्ध रूप में खीचने की विधि को मानचित्र प्रक्षेप कहते हैं। मानचित्र बनाने के लिये किसी न किसी विधि पर तैयार किए गए प्रक्षेप पर अधारित अक्षांश तथा देशांतर रेखाओं का जाल बनाना नितांत आवश्यक है। प्रक्षेपों का चुनाव मानचित्र के प्रयोजन पर निर्भर करता है, जैंसे शुद्ध क्षेत्रफल, शुद्ध दिशा अथवा शुद्ध आकार आदि वांछनीय तत्वों में से किसी एक पर एक मानचित्र में विशेष ध्यान दिया जाता है। ये तीनों गुण एक से मानचित्र प्रक्षेप में नहीं मिलते (देखें, 'प्रक्षेप')।मिलते।
 
==भू-आकृति की उँचाई, निचाई तथा स्वरूप का प्रदर्शन==