"अभियान्त्रिकी": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 52:
प्रायः इंजीनियर के पास एक से अधिक हल (solution) होते हैं। वह विविध विकल्पों पर विचार करता है। वह विकल्पों को तकनीकी, आर्थिक तथा सुरक्षा की दृष्टि से मूल्यांकन करता है और जो सर्वाधिक उपयुक्त परिणाम देता है उसे चुन लिया जाता है।
 
===हल की जाँच (Testing the solutions)===
इंजीनियर का काम बहुत चुनौती भरा है। गलत हल का परिणाम बहुत महंगा या बहुत खतरनाक भी हो सकता है। इसलिये प्रायः इंजीनियर किसी हल को लागू करने के पहले उसका परीक्षण और विश्लेषण भी करता है। इसके लिये वह प्रोटोटाइप (prototypes), लघु-आकार वाले या सरलीकृत मॉडलों का प्रयोग, [[सिमुलेशन]], ध्वम्सी या अध्वंसी टेस्ट तथा फैटिग टेस्ट आदि का सहारा लेता है।
 
चूंकि गलत हल का परिणाम गंभीर हो सकते है, इसलिये इंजीनियर पूर्व-निर्मित हलों (रेडिमेड सलुसन्स) को अपनाते समय इंजीनियर [[सुरक्षा गुणक]] (safety factor) का उपयोग करता है ताकि दुष्परिणाम की सम्भावन बहुत कम की जा सके। किन्तु सुरक्षा-गुनक जितना ही अधिक होगा, हल उतना ही महंगा, बड़ा, या कम [[दक्षता|दक्ष]] होगा।
 
रूस के नवसृजन विशेषज्ञ गेनरिक आल्तशुलर (Genrich Altshuller) ने बहुत से पेटेंटों का अध्ययन करने के बाद निष्कर्ष निकाला था कि छोटे-स्तर के इंजीनियरी हल समझौतों (कम्प्रोमाइज) पर आधारित होते हैं जबकि बड़े-स्तर के काम में इंजीनियर उस हल को चुनता है जो समस्या की सबसे बड़ी कठिनाई को दूर करता हो।
 
==कम्प्युटर का प्रयोग==