"ग्रन्थताल": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Templo de Angkor Wat en Camboya.JPG|right|thumb|300px|अंकोरवाट मन्दिर के आसपास ग्रन्थताल के वृक्ष]]
'''ग्रंथताल''' (''Borassus flebellifurflabellifer'' L. बोरासूस् फ़्लेबेलीफ़ेर्''फ़्लाबेलीफ़ेर्) को पामीरा पाम (Palmyra palm) कहते हैं। बंबई के इलाके में लोग इसे "ब्रंब" भी कहते हैं। यह एकदली वर्ग, ताल (Palmeae ''पाल्मेऐ'') कुल का सदस्य है और गरम तथा नम प्रदेशों में पाया जाता है। यह अरब देश का पौधा है, पर भारत, बर्मा तथा लंका में अब अधिक मात्रा में उगाया जाता है। अरब के प्राचीन नगर "पामीरा" के नाम पर कदाचित् इस पौधे का नाम "पामीरा पाम" पड़ा है। ग्रंथताल समुद्रतटीय इलाकों तथा शुष्क स्थानों में बलुई मिट्टी पर पाया जाता है।
 
इसके पौधे काफी ऊँचे (60-70 फुट) होते हैं। तना प्राय: सीधा और शाखारहित होता है एवं इसके ऊपरी भाग में गुच्छेदार, पंखे के समान पत्तियाँ होती हैं। ग्रंथताल के नर तथा मादा पौधों को उनके फूलगुच्छे से पहचाना जाता है। पौधे फाल्गुन महीने में फूलते हैं और फल ज्येष्ठ तक आ जाता है। ये फल श्रावणमास तक पक जाते हैं। प्रत्येक फल में एक बीज होता है, जो कड़ा तथा सुपारी की भाँति होता है। दो या तीन मास तक जमीन के अंदर गड़े रहने पर बीज अंकुरित हो जाता है।