"सौर मण्डल": अवतरणों में अंतर

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'''सौर मंडल''' मेमें [[सूर्य]] और वह [[खगोलीय पिंड]] सम्मलित हैं, जो इस मंडल मेमें एक दूसरे से [[गुरुत्वाकर्षण]] बल द्वारा बंधे हैं। किसी [[तारे]] के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन [[खगोलीय वस्तुओं]] के समूह को '''ग्रहीय मण्डल''' कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की [[ग्रह]], [[बौने ग्रह]], [[प्राकृतिक उपग्रह]], [[क्षुद्रग्रह]], [[उल्का]], [[धूमकेतु]] और [[खगोलीय धूल]]।<ref>p. 394, ''The Universal Book of Astronomy, from the Andromeda Galaxy to the Zone of Avoidance'', David J. Dsrling, Hoboken, New Jersey: Wiley, 2004. ISBN 0471265691.</ref><ref>p. 314, ''Collins Dictionary of Astronomy'', Valerie Illingworth, London: Collins, 2000. ISBN 0-00-710297-6.</ref> हमारे [[सूरज]] और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा [[सौर मण्डल]] बनता है।<ref>p. 382, ''Collins Dictionary of Astronomy''.</ref><ref>p. 420, ''A Dictionary of Astronomy'', Ian Ridpath, Oxford, New York: Oxford University Press, 2003. ISBN 0-19-860513-7.</ref> इन पिंडों मेमें आठ [[ग्रह]], उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच [[बौना ग्रह|बौने ग्रह]] और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों मेमें [[क्षुद्रग्रह]], बर्फ़ीला [[काइपर घेरा]] के पिंड, [[धूमकेतु]], [[उल्का|उल्कायें]], और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं।
 
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सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें [[स्थलीय ग्रह]] कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और [[क्षुद्रग्रह घेरा‎]] चार विशाल गैस से बने बाहरी [[गैस दानव]] ग्रह, काइपर घेरा और [[बिखरा चक्र]] शामिल हैं। काल्पनिक [[और्ट बादल]] भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है।
 
सूर्य से होने वाला [[प्लाज्मा (भौतिकी)|प्लाज्मा]] का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम मेमें एक बुलबुला बनाता है जिसे [[हेलिओमंडल]] कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है।
 
==खोज और अन्वेषण==
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==संरचना और संयोजन==
'''सौरमंडल''' सूर्य और उसकी परिक्रमा करते ग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतुओं से बना है। इसके केन्द्र मेमें सूर्य है और सबसे बाहरी सीमा पर वरुण (ग्रह) है। वरुण के परे यम (प्लुटो) जैसे बौने ग्रहो के अतिरिक्त धूमकेतु भी आते है।
{{Distance from Sun using EasyTimeline}}
 
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सौरमंडल एक बड़े बुलबुले से घीरा हुआ है जिसे हीलीयोस्फियर कहते है। सौर वायु द्वारा बनाया गया बुलबुले को हीलीयोस्फीयर कहते है, इस बुलबुले के अंदर सभी पदार्थ सूर्य द्वारा उत्सर्जित हैं। अत्यंत ज्यादा उर्जा वाले कण इस बुलबुले के अंदर हीलीयोस्फीयर के बाहर से प्रवेश कर सकते है।
 
यह किसी तारे के बाहरी वातावरण द्वारा उत्सर्जन किए गए आवेशित कणों की धारा को सौर वायु कहते हैं। सौर वायु विशेषकर अत्यधिक उर्जा वाले इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन से बनी होती है, इनकी उर्जा किसी तारे के गुरुत्व प्रभाव से बाहर जाने के लिए पर्याप्त होती है। सौर वायु सूर्य से हर दिशा में प्रवाहित होती है जिसकी गति कुछ सौ किलोमीटर प्रति सेकंड होती है। सूर्य के संदर्भ में इसे सौर वायु कहते है, अन्य तारों के संदर्भ मेमें इसे ब्रह्माण्ड वायु कहते है।
[[यम (बौना ग्रह)]] से काफी बाहर सौर वायु खगोलीय माध्यम (जो हाइड्रोजन और हिलीयम से बना हुआ है) के प्रभाव से धीमी हो जाती है। यह प्रक्रिया कुछ चरणों में होती है। खगोलीय माध्यम और सारे ब्रह्माण्ड में फैला हुआ है। यह एक अत्यधिक कम घनत्व वाला माध्यम है।
सौर वायु सुपर सोनिक गति से धीमी होकर सब-सोनिक गति में आने वाले चरण को टर्मीनेशन शॉक(Termination Shock) या समाप्ती सदमा कहते है।
सब-सोनिक गति पर सौर वायु खगोलीय माध्यम के प्रवाह के प्रभाव मेमें आने से दबाव होता है जिससे सौर वायु धूमकेतु की पुंछ जैसी आकृती बनाती है जिसे हीलिओसिथ(Helioseath) कहते है।
हीलिओसिथ की बाहरी सतह जहां हीलीयोस्फियर खगोलीय माध्यम से मिलता है हीलीयोपाज(Heliopause) कहलाती है।
हीलीओपाज क्षेत्र सूर्य के आकाशगंगा के केन्द्र की परिक्रमा के दौरान खगोलीय माध्यम में एक हलचल उत्पन्न करता है। यह खलबली वाला क्षेत्र जो हीलीओपाज के बाहर है बो-शाक (Bow Shock) या धनु सदमा कहलाता है।
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===बुध===
[[चित्र:Mercury in color c1000 700 430.png|thumb|right|मैसेन्जर द्वारा प्रसारित बुध की पहली उच्च रिज़ॉल्यूशन छवि (कृत्रिम रंग)]]
: [[बुध]] सौर मंडल का [[सूर्य]] से सबसे निकट स्थित और आकार मेमें सबसे छोटा ग्रह है। ,[[यम]](प्लूटो) को पहले सबसे छोटा ग्रह माना जाता था पर अब इसका वर्गीकरण [[बौना ग्रह]] के रूप मेमें किया जाता है। यह सूर्य की एक परिक्रमा करने मेमें ८८ दिन लगाता है। यह लोहे और जस्ते का बना हुआ हैं। यह अपने परिक्रमा पथ पर २९ मील प्रति क्षण की गति से चक्‍कारचक्कार लगाता हैं। बुध सूर्य के सबसे पास का ग्रह है और द्रव्यमान से आंठवे क्रमांक पर है। बुध व्यास से [[गैनिमीड (उपग्रह)|गैनिमीड]] और [[टाईटन]] चण्द्रमाओ से छोटा है लेकिन द्रव्यमान मेमें दूगना है।
'''कक्षा :''' ५७,९१०,००० किमी (०.३८ AU) सूर्य से
'''व्यास :''' ४८८० किमी
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: [[मंगल]] सौरमंडल में [[सूर्य]] से चौथा [[ग्रह]] है। [[पृथ्वी]] से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनमें ज़मीन होती है और "[[गैस दानव|गैसीय ग्रह]]" जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है। हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, [[ओलम्पस मोन्स]] मंगल पर ही स्थित है। साथ ही विशालतम [[कैन्यन वैलेस मैरीनेरिस]] भी यहीं पर स्थित है। अपनी भौगोलिक विशेषताओं के अलावा, मंगल का [[घूर्णन काल]] और मौसमी चक्र पृथ्वी के समान हैं।
 
1965 में [[मेरिनर ४]] के द्वारा की पहली मंगल उडान से पहले तक यह माना जाता था कि ग्रह की सतह पर तरल अवस्था मेमें जल हो सकता है। यह हल्के और गहरे रंग के धब्बों की आवर्तिक सूचनाओं पर आधारित था विशेष तौर पर, ध्रुवीय [[अक्षांश रेखाएँ|अक्षांशों]] , जो लंबे होने पर समुद्र और महाद्वीपों की तरह दिखते हैं, काले striations की व्याख्या कुछ प्रेक्षकों द्वारा पानी की सिंचाई नहरों के रूप में की गयी है। इन् सीधी रेखाओं की मौजूदगी बाद में सिद्ध नहीं हो पायी और ये माना गया कि ये रेखायें मात्र प्रकाशीय भ्रम के अलावा कुछ और नहीं हैं। फिर भी, सौर मंडल के सभी ग्रहों में हमारी [[पृथ्वी]] के अलावा , मंगल ग्रह पर जीवन और पानी होने की संभावना सबसे अधिक है ।
 
===बृहस्पति===
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[[se:Beaivvášgoddi]]
[[sh:Sunčev sistem]]
[[si:සෞරග්‍රහසෞරග්රහ මණ්ඩලය]]
[[simple:Solar System]]
[[sk:Slnečná sústava]]