"सौर मण्डल": अवतरणों में अंतर
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'''सौर मंडल'''
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सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें [[स्थलीय ग्रह]] कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और [[क्षुद्रग्रह घेरा]] चार विशाल गैस से बने बाहरी [[गैस दानव]] ग्रह, काइपर घेरा और [[बिखरा चक्र]] शामिल हैं। काल्पनिक [[और्ट बादल]] भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है।
सूर्य से होने वाला [[प्लाज्मा (भौतिकी)|प्लाज्मा]] का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम
==खोज और अन्वेषण==
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==संरचना और संयोजन==
'''सौरमंडल''' सूर्य और उसकी परिक्रमा करते ग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतुओं से बना है। इसके केन्द्र
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सौरमंडल एक बड़े बुलबुले से घीरा हुआ है जिसे हीलीयोस्फियर कहते है। सौर वायु द्वारा बनाया गया बुलबुले को हीलीयोस्फीयर कहते है, इस बुलबुले के अंदर सभी पदार्थ सूर्य द्वारा उत्सर्जित हैं। अत्यंत ज्यादा उर्जा वाले कण इस बुलबुले के अंदर हीलीयोस्फीयर के बाहर से प्रवेश कर सकते है।
यह किसी तारे के बाहरी वातावरण द्वारा उत्सर्जन किए गए आवेशित कणों की धारा को सौर वायु कहते हैं। सौर वायु विशेषकर अत्यधिक उर्जा वाले इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन से बनी होती है, इनकी उर्जा किसी तारे के गुरुत्व प्रभाव से बाहर जाने के लिए पर्याप्त होती है। सौर वायु सूर्य से हर दिशा में प्रवाहित होती है जिसकी गति कुछ सौ किलोमीटर प्रति सेकंड होती है। सूर्य के संदर्भ में इसे सौर वायु कहते है, अन्य तारों के संदर्भ
[[यम (बौना ग्रह)]] से काफी बाहर सौर वायु खगोलीय माध्यम (जो हाइड्रोजन और हिलीयम से बना हुआ है) के प्रभाव से धीमी हो जाती है। यह प्रक्रिया कुछ चरणों में होती है। खगोलीय माध्यम और सारे ब्रह्माण्ड में फैला हुआ है। यह एक अत्यधिक कम घनत्व वाला माध्यम है।
सौर वायु सुपर सोनिक गति से धीमी होकर सब-सोनिक गति में आने वाले चरण को टर्मीनेशन शॉक(Termination Shock) या समाप्ती सदमा कहते है।
सब-सोनिक गति पर सौर वायु खगोलीय माध्यम के प्रवाह के प्रभाव
हीलिओसिथ की बाहरी सतह जहां हीलीयोस्फियर खगोलीय माध्यम से मिलता है हीलीयोपाज(Heliopause) कहलाती है।
हीलीओपाज क्षेत्र सूर्य के आकाशगंगा के केन्द्र की परिक्रमा के दौरान खगोलीय माध्यम में एक हलचल उत्पन्न करता है। यह खलबली वाला क्षेत्र जो हीलीओपाज के बाहर है बो-शाक (Bow Shock) या धनु सदमा कहलाता है।
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===बुध===
[[चित्र:Mercury in color c1000 700 430.png|thumb|right|मैसेन्जर द्वारा प्रसारित बुध की पहली उच्च रिज़ॉल्यूशन छवि (कृत्रिम रंग)]]
: [[बुध]] सौर मंडल का [[सूर्य]] से सबसे निकट स्थित और आकार
'''कक्षा :''' ५७,९१०,००० किमी (०.३८ AU) सूर्य से
'''व्यास :''' ४८८० किमी
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: [[मंगल]] सौरमंडल में [[सूर्य]] से चौथा [[ग्रह]] है। [[पृथ्वी]] से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनमें ज़मीन होती है और "[[गैस दानव|गैसीय ग्रह]]" जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है। हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, [[ओलम्पस मोन्स]] मंगल पर ही स्थित है। साथ ही विशालतम [[कैन्यन वैलेस मैरीनेरिस]] भी यहीं पर स्थित है। अपनी भौगोलिक विशेषताओं के अलावा, मंगल का [[घूर्णन काल]] और मौसमी चक्र पृथ्वी के समान हैं।
1965 में [[मेरिनर ४]] के द्वारा की पहली मंगल उडान से पहले तक यह माना जाता था कि ग्रह की सतह पर तरल अवस्था
===बृहस्पति===
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[[se:Beaivvášgoddi]]
[[sh:Sunčev sistem]]
[[si:
[[simple:Solar System]]
[[sk:Slnečná sústava]]
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