"प्राण": अवतरणों में अंतर
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प्राण शक्ति का नाश होने से जीव मृत हो जाता है।
जब किसी प्राक्रित पदार्थ मे विकास लक्छित हो,तो समझा जाना चाहिए कि इसमे प्राण-त्तत्व विद्यमान है/
प्राण - प्राण वह जीवन शक्ति जिससे कोई मनुष्य, जंतु अथवा वनस्पति जिन्दा रहती है. वह जो साँस लेता है उससे वृद्धि होती है, प्रजनन आदि क्रिया होती हैं उसे प्राण कहते हैं.
हिन्दू योग एवम दर्शन ग्रंथों में मुख्य प्राण पांच बताए गए हैं इसके आलावा उपप्राण भी पाँच बताये गए है पाँच प्राणों के नाम इस प्रकार हैं
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