"कृत्रिम बुद्धिमत्ता": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Kismet robot at MIT Museum.jpg|thumb|200px|[[:en:Kismet (robot)|किस्मत]], प्रारंभिक स्किल्स सहित एक रोबोट]]
'''कृत्रिम बुद्धिमत्ता''' ([[अंग्रेज़ी]]:''आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस'') का अर्थ है कृत्रिम तरीक़े से विकसित की गई बौदि्धक क्षमता। आर्टिफ़िशियलकृत्रिम इंटेलिजेंसबुद्धिमत्ता का आरंभ १९५० के दशक में हुआ था। ये कंप्यूटर संगणक और कंप्यूटरसंगणक प्रोग्रामों को उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास होता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क चलते हैं। आर्टिफिशियलकृत्रिम इंटेलिजेंसबुद्धिमत्ता का उद्देश्य होता है कि कंप्यूटर संगणक अपने-आप तय कर पाये उसकी अगली गतिविधि क्या होगी। इसके लिए कंप्यूटर संगणक को अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार अपनी प्रतिक्रिया चुनने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। इसके पीछे यही प्रयास होता है कि कंप्यूटर संगणक मानव की सोचने की प्रक्रिया की नकल कर पाये। इसका एक अनूठा उदाहरण है शतरंज]] खेलने वाले कंप्यूटर।संगणक। ये कंप्यूटरसंगणक प्रोग्राम मानव मस्तिष्क की लगभग हर चाल की काट और अपनी अगली चाल सोचने के लिए कंप्यूटर संगणक को प्रोग्राम किया हुआ है। ये इतना सफल रहा है कि मई १९९७ में [[आईबीएम]] का कंप्यूटर संगणक विश्व के सबसे नामी शतरंज खिलाड़ी [[गैरी कास्परोव]] को हरा चुका है।
 
जब भी मानव बुद्धिमत्ता की चर्चा होती है, तब अनेक बुद्धिमान लोगों का स्मरण होता है। हाल के वर्षों में मानवीय सोच समझ इतनी तेजी से विकसित होती जा रही है कि प्रकृति की रचना को हर क्षेत्र में कड़ी चुनौती दे रही है। विज्ञाण की प्रगति के साथ साथ हरेक चीज कृत्रिम बनती जा रही है। इस प्रगति में मानव ने बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भी अपने अनुभव और आकांक्षाओं से कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि आर्टिफिशलकृत्रिम इंटेलिजेंसबुद्धिमत्ता विकसित करने का प्रयास किया है। वैज्ञानिकों द्वारा ऐसे कंप्यूटर संगणक भी आविष्कृत कर लिए गए हैं जिनमें जटिल से जटिल कार्य को न्यूनतम समय में करने की क्षमता होती है। आधुनिक कंप्यूटरीकृत मशीनें किसी लिखे हुए पाठ को मानव की तरह से ही शब्दों की पहचान कर एवं पढ़ सकती है। ऑटो पायलट मोड पर वायुयान, मशीन द्वारा संचालित किये जाते हैं। कंप्यूटरों में ध्वनियां और आवाजों को पहचानने की क्षमता होती है। किन्तु कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक रूप से सीमित भी है, क्योंकि इसका सामर्थ्य इसकी प्रोग्रामिंग पर निर्भर करता है। लेकिन मानवीय मस्तिष्क में ऐसी कोई सीमा निश्चित नहीं होती है।
 
कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मानवीय कार्य को काफी सुविधाजनक बना दिया है। सौ मस्तिष्कों की क्षमता वाला कार्य, मात्र एक ही कंप्यूटर संगणक सुलभ कर सकता है। ये बात गणनाओं व तर्कों के संदर्भ में है।
== संदर्भ ==
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[[श्रेणी:आर्टिफिशियलकृत्रिम इंटेलिजेंसबुद्धिमत्ता]]
[[श्रेणी:साइबरनेटिक्स]]
[[श्रेणी:औपचारिक विज्ञान]]