"सिकन्दर बख्त": अवतरणों में अंतर

लेख पूरा करके प्रतीक्षा टैग हटाया
पंक्ति 39:
सन् 2000 में सिकन्दर बख्त को [[पद्म विभूषण]] के गौरवपूर्ण सरकारी सम्मान से विभूषित किया गया। पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के केवल दो ही नेता यह सम्मान प्राप्त कर सके एक बख्त दूसरे वाजपेयी अर्थात(अटल जी)।
==मृत्यु==
9 अप्रैल, 2002 को सिकन्दर बख्त ने राज्य सभा का वक़्त (कार्यकाल) पूरा किया। उसके ठीक 9 दिन बाद ही उन्हें केरल का राज्यपाल बना दिया गया। 83 वर्ष और 237 दिन की आयु में किसी अहिन्दी भाषी प्रान्त के वे पहले राज्यपाल थे। दुर्भाग्य से वे अपना कार्यकाल पूरा न कर सके और 23 फरवरी, 2004 को [[तिरुवनन्तपुरम]] के एक सरकारी अस्पताल में आँतों की शल्य चिकित्सा, जो 19 फरवरी को मात्र चार दिन पूर्व ही की गयी थी, वेके दुष्परिणामस्वरूप इस दुनिया से चल बसे। उनकी मृत्यु के पश्चात [[त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी]], जो पहले से ही [[कर्नाटक]] के राज्यपाल पद पर आसीन थे, केरल के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
 
सिकन्दर बख्त केरल के लोकप्रिय राज्यपाल थे उनके अप्रत्याशित निधन पर बीजेपी के कुछ सदस्यों ने यह शंका भी व्यक्त की कि कहीं चिकित्सा के दौरान लापरवाही के चलते तो उनकी मृत्यु नहीं हुई? किन्तु कुछ भी न हो सका।<ref>http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2004-03-01/thiruvananthapuram/28324269_1_probe-medical-college-sudden-death</ref> जिस समय उनकी मृत्यु हुई केरल के मुख्यमन्त्री पद पर वर्तमान रक्षामन्त्री [[एके एंटोनी]] काबिज थे। सिकन्दर बख्त की मृत्यु में हुई लापरवाही की जाँच के आदेश तो [[मुख्यमन्त्री]] को ही देने थे।<ref>http://indiatoday.intoday.in/story/controversy-over-death-of-governor-sikander-bakht-flares-up/1/196462.html </ref>