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छत्रपति '''शिवाजी राजे भोसले''' (१६३०-१६८०) ने [[१६७४]] में पश्चिम भारत में [[मराठा साम्राज्य]] की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष [[औरंगज़ेब]] के [[मुगल]] साम्राज्य से संघर्ष किया।
== आरंभिक जीवन ==
[[शाहजी |शाहजी भोंसले]] की प्रथम पत्नी [[जीजाबाई]] (राजमाता जिजाऊ) की कोख से शिवाजी महाराज का जन्म १९ फरवरी, १६३० को [[शिवनेरी]] दुर्ग में हुआ था। शिवनेरी का दुर्ग [[पूना]] (पुणे) से उत्तर की तरफ़ जुन्नार नगर के पास था। उनका बचपन राजा राम, गोपाल, संतों तथा रामायण, महाभारत की कहानियों और सत्संग मे बीता। वह सभी कलाओ मे माहिर थे, उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी । ये भोंसले उपजाति के थे जोकि मूलत: कुर्मी जाति से संबद्धित हे | कुर्मी जाति कृषि संबद्धित कार्य करती हे <ref>http://books.google.co.in/books?id=r-ffeWmj2JUC&pg=PA6&lpg=PA6&dq=Bhonsle+kurmi+maratha&source=bl&ots=5Ce4_5HFTq&sig=IjWDGHBQmtBvvOmzvErPA4-bKc4&hl=en&sa=X&ei=zk08UJKxMYPmrAeR-oDQBw&ved=0CC0Q6AEwAA#v=onepage&q=Bhonsle%20kurmi%20maratha&f=false</ref> | उनके पिता अप्रतिम शूरवीर थे और उनकी दूसरी पत्नी तुकाबाई मोहिते थीं । उनकी माता जी [[जीजाबाई]] यादव उच्चकुलजाधव कुल में उत्पन्न असाधारण प्रतिभाशाली थी । [[जीजाबाई]] जाधव वंश की थीं और उनके पिता एक शक्तिशाली सामन्त थे । शिवाजी महाराज के चरित्र पर माता-पिता का बहुत प्रभाव पड़ा। बचपन से ही वे उस युग के वातावरण और घटनाओँ को भली प्रकार समझने लगे थे। शासक वर्ग की करतूतों पर वे झल्लाते थे और बेचैन हो जाते थे। उनके बाल-हृदय में स्वाधीनता की लौ प्रज्ज्वलित हो गयी थी। उन्होंने कुछ स्वामिभक्त साथियों का संगठन किया। अवस्था बढ़ने के साथ विदेशी शासन की बेड़ियाँ तोड़ फेंकने का उनका संकल्प प्रबलतर होता गया।
 
छत्रपति शिवाजी महाराज का विवाह सन् १४ मइ १६४० में सइबाई निम्बालकर के साथ [[लाल महल,पुना]] में हुआ था ।