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आचार्य श्री रामचंद्र जी व्याकरणाचार्य, निरुक्ताचार्य के गुरु थे | आपके अंतेवासी बनकर / रहकर रामचंद्र जी ने वेद भाष्य में सहायता की थी और आपके मार्गदर्शन में शुद्धि का कार्य भी किया था |
डॉ. प्रज्ञा देवी जी और मेधा देवी जी (पाणिनि कन्या महा विद्यालय वाराणसी) के भी आप गुरु रहे |
डॉ. सुद्युम्न जी – सतना, विजय पाल जी विद्यावारिधि, पण्डित युधिष्ठिर जी मीमांसक, पण्डित भागवतदत्त जी आदि जैसे पण्डितों के गुरु थे आप | आप शोध पत्रिका “वेद वाणी” के आद्य संपादक थे | [[User:Vishwapriya vedanuragi|Vishwapriya vedanuragi]] ([[User talk:Vishwapriya vedanuragi|वार्ता]]) 17:06, 2 सितंबर 2012 (UTC)