"ब्रोमीन": अवतरणों में अंतर

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Russian=Бром|
Ukrainian=Бром|
symbol=दु (Br) |
atomic number 1=35 |
atomic number 3=035 |
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'''ब्रोमीनदुराघ्री''' (Bromineब्रोमीन) [[आवर्त सारणी]] (periodic table) के सप्तम मुख्य समूह का [[तत्व]] है और सामान्य ताप पर केवल यही अधातु द्रव अवस्था में रहती है। इसके दो स्थिर [[समस्थानिक]] (isotopes) प्राप्य हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 79 और 81 है। इसके अतिरिक्त इस तत्व के 11 [[रेडीयोऐक्टिव]] (radoactive) समस्थानिक निर्मित हुए हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 75, 76, 77, 78, 80, 82, 83, 84, 85, 86, और 88 हैं।
 
[[फ्रांस]] के वैज्ञानिक बैलार्ड ने ब्रोमीनदुराघ्री की 1826 ई. में खोज की। इसकी तीक्ष्ण गंध, के कारण ही उसने इसका नाम ब्रोमीनदुराघ्री रखा, जिसका अर्थ [[यूनानी भाषा]] में दुर्गंध होता है।
 
ब्रोमीनदुराघ्री सक्रिय तत्व होने के कारण मुक्त अवस्था में नहीं मिलता। इसके मुख्य यौगिक [[सोडियमक्षारातु]], [[पोटैशियमदहातु]] और [[मैग्नीशियम|भ्राजातु]] के ब्रोमाइड नामक स्थान में हैं। जर्मनी के शटासफुर्ट (Stassfurt) इसके यौगिक बहुत मात्रा में उपस्थित हैं। समुद्रतल भी इसका उत्तम स्रोत है। कुछ जलजीव एवं वनस्पति पदार्थो में ब्रोमीनदुराघ्री यौगिक विद्यमान हैं।
 
== निर्माण ==
[[समुद्र]] के एक लाख भाग में केवल 7 भाग ब्रोमीनदुराघ्री यौगिक के रूप में उपस्थित है, परंतु समुद्र के अनंत विस्तार के कारण उससे ब्रोमीनदुराघ्री निकालना लाभकारी है, इस विधि में चार दशाएँ हैं :
 
(1) क्लोरीन की आक्सीकारक अभिक्रिया द्वारा ब्रोमीनदुराघ्री की मुक्ति।
 
(2) वायु द्वारा विलयन से ब्रोमीनदुराघ्री को निकालना।
 
(3) सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा विलयन से ब्रोमीनदुराघ्री तत्व की मुक्ति।
 
(4)
 
 
इस क्रिया द्वारा प्राप्त ब्रोमीनदुराघ्री को आसवन (distilation) द्वारा शुद्ध करते हैं
 
== गुणधर्म ==
ब्रोमीनदुराघ्री गहरा लाल रंग लिए तीक्ष्ण गंध का द्रव है1 इसके वाष्प का रंग लाली लिए भूरा होता है। इसका संकेत ब्रोदु (Br), परमाणुसंख्या 35, परमाणु भार 79.909, गलनांक 7.20 सें. क्वथनांक 580 सें., घनत्व 3.12 ग्रा. प्रति घन सेंमी., परमाणुव्यास 2.26 ऐंग्ट्रॉम तथा अयनीकरण विभव 11.84 इवो (eV). है। ब्रोमीनदुराघ्री जल की अपेक्षा कुछ कार्बनिक द्रवों में अधिक विलेय है।
 
ब्रोमीनदुराघ्री के रासायनिक गुण क्लोरीन और आयोडीन के मध्य में हैं। यह तीव्र ऑक्सीकारक पदार्थ है और अनेक तत्वों और यौगिकों से रासायनिक क्रिया करता है। ब्रोमीनदुराघ्री और [[हाइड्रोजन|उदजन]] उच्च ताप पर विस्फोट के साथ क्रिया करते हैं तथा हाइड्रोजन ब्रोमाइड बनाते हैं, जिसमें अम्लीय (acidic) गुण हैं। प्रकाश में ब्रोमीनदुराघ्री का विलयन आक्सीकारक विरंजन (bleaching) गुण रखता है। इस क्रिया में हाइपोब्रोमस अम्ल, हा ब्रोदु जा (H Br O), का निर्माण होता है, जो अस्थिर होने के कारण आक्सीजन[[जारक]] मुक्त करता है।
 
दु2 + 2उ2जा = उदुजा
Br2 + 2H2O = HBr + HBrO
 
2उदुजा = 2उदु + जा
2HBrO = 2HBr + O
 
ब्रोमिन अनेक कार्बनिक पदार्थो से क्रिया कर व्युत्पन्न बनाता है।
 
हाइड्रोब्रोमिक अम्ल, (उदु) (HBr), ब्रोमिक के अतिरिक्त ब्रोमीनदुराघ्री अनेक ऑक्सीजन[[जारक]] अम्ल बनाती है, जैसे हाइपोब्रोमस अम्ल, (BHrOउदुजा) (HBrO), ब्रोमस अम्ल, (उदुजा2) (HBrO2)। इन अम्लों के लवण प्राप्त हैं, जो रासायनिक क्रियाओं में उपयोगी हुए हैं। ब्रोमीनदुराघ्री के अन्य हैलोजन तत्वों के साथ यौगिक प्राप्त हैं, जैसे, (दुनी) (BrCl), (दुतर3) (BrF3), (दुतर5) (BrF5), (जंबदु) (IBr) आदि। ऑक्सीजन[[जारक]] के साथ इसके तीन यौगिक प्राप्त हैं : (BR2O3दु2जा3) (Br2O3), (BRO2दुजा2) (BrO2) और (दु3जा8) (BR3O8Br3O8)। गंधक के साथ (ग2दु2) (S2BR2S2Br2) यौगिक भी बनता है।
 
== उपयोग ==
कार्बनिक व्युत्पन्नों के बनाने में ब्रोमीनदुराघ्री का बहुत उपयोग हुआ है। एथीलीन ब्रोमाइड, (प्रा2उ4दु2) (C2H4Br2) पेट्रोल उद्योग में ऐंटिनॉक (antiknock) के रूप में बहुत आवश्यक यौगिक है। अनेक कीटमारकों के निर्माण में ब्रोमीनदुराघ्री का उपयोग होता है। ब्रोमीनदुराघ्री के कुछ यौगिक, जैसे पोटैशियम[[दहातु]] ब्रोमाइड, ओषधि के रूप में और फोटोग्राफी क्रिया में काम आते हैं। सिलवरचाँदी ब्रोमाइड, (चदु) (AgBr), प्रकाशसंवेदी (photosensitive) होने के कारण फोटोग्राफी प्लेट एवं कागज बनाने में बहुत मात्रा में काम आता है।
 
ब्रोमीनदुराघ्री विषैला पदार्थ है। इसका वाष्प, आँख, नाक, तथा गले को हानि पहुँचाता है। चर्म पर गिरने पर यह ऊतकों को नष्ट करता है। इस कारण इसके उपयोग में बहुत सावधानी रखनी चाहिए।
 
{{दो परमाणुओं वाले तत्व}}