"विनाशक पोत": अवतरणों में अंतर

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पिछली कुछ दशाब्दियों में ध्वंसकों में अनेक आमूल सुधार हुए हैं, लेकिन इसकी आधारभूत विशेषताओें, जैसे तेज गति और युद्धाभ्यासक्षमता में (जो सदा ही इनकी विशेषता रही है) अंतर नहीं हुआ है। तेज गति के अभाव में बड़े बड़े जहाजों पर आक्रमण करते समय ध्वंसकों के बच निकलने की संभावना कम रह जाती है। समुद्र में रक्षित रहने (sea keeping) इनकी आश्चर्यजनक क्षमता इनके सुवाही आकार (stream lined shape) और अभिकल्प के कारण है।
 
==अत्रशस्त्र ==
==अस्रशस्र ==
ध्वंसक में जो अस्रअस्त्र-शस्रशस्त्र रहते हैं वे तीन श्रेणियों में विभक्त किए जा सकते हैं :
 
1. जहाजों पर आक्रमण करने के लिए [[तारपीडो]],
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2. [[पनडुब्बी]] पर आक्रमण के लिए अस्र शस्र,
 
3. [[वायुयान]] और छोटी-मोटी स्थल सेनाओेंसेनाओं से लड़ने के लिए उभयप्रयोजनीय [[तोप|तोपें]]।
 
===तारपीडो===
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===पनडुब्बीनाशक अस्र-शस्र===
कुछ लोगों के कथनानुसार पनडुब्बी का इतना विकास हो चुका है कि ध्वंसक द्वारा उसे नष्ट नहीं किया जा सकता। यद्यपि कुछ सीमा तक यह कथन सत्य है फिर भी निकट परीक्षण से प्रकट होता है कि आज भी ध्वसंक पनडुब्बी को मारने में सामर्थ है। पिछले महायुद्ध में ध्वंसकों ने ३०० पनडुब्बियाँ समुद्र में डुबा दी थीं। अब तो सुदूरस्थ लक्ष्वेधी अस्त्रों और सुधरी हुई स्वनान्वेष (sonar) युक्तियाँ उपलब्ध हैं, जिनसे ध्वंसकों की शूक्यताशक्यता बहुत बढ़ गई है। ड्रोन हेलीकॉप्टर (drone helicopter) और रॉकेट युक्त पनडुब्बीमार तारपीडो के कारण पनडुब्बियों को खोजकर नष्ट करने की क्षमता ध्वंसकों में बहुत बढ़ गई है।
 
===तोप===
समुद्री जहाजों के लिए हवाई आक्रमणों का संकट बढ़ जाने से उसके निराकरणार्थ हवामारों की शक्यता बढ़ाना स्वभाविक था। किंतु रोडारराडार नियंत्रित और तत्क्षण प्रहार करनेवाली तोपें भी पराध्वनिक (supersonic) आघाती वायुयानों से रक्षा नहीं कर सकतीं। तोप के स्थान पर [[नियंत्रित मिसाइल]] (guided missiles) का प्रयोग होने पर, जैसा अंत में होगा, ध्वंसक पहले के समान ही प्रबल हो जाएँगे।
 
==ध्वंसकों के कार्य==