"टॉरपीडो": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 47:
*(ग) अंत:क्षेपण ईंधन-'ईंधन समय नियंत्रक' से होकर इंजन के सिलिंडरों में जाता है, जहाँ वह जनित्र की उष्ण गैस के संपर्क से प्रज्वलित होता है और इससे सिलिंडर में दाब बढ़ जाती है। जली हुई गैसें पिस्टन को नीचे ढकेलकर अपना कार्य करती हुई क्रैंक के खोल मे आती हैं और वहाँ से नोदक-ईषा-केंद्र से निकल जाती है। यह नोदक ईषा खोखली होती है और चूषण नल का काम करती है।
===चलते हुए तारपीडो का नियंत्रण===
|