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[[चित्र:Octo2.jpg|thumb|right|300px|आक्टोपसअष्टबाहु]]
'''आक्टोपसअष्टबाहु''' या 'अष्टबाहु'(आक्टोपस) [[मोलस्का संघ]] का एक समुद्री प्राणी है। इस रात्रिचर जीव को डेविलफिश भी कहते हैं। इसी संघ में [[घोंघा]], [[सीप]], [[शंख]] इत्यादि जीव भी हैं। अष्टबाहुओं की गणना शीर्षपाद वर्ग में की जाती हैं। शीर्षवाद वर्ग के जीवों की अपनी कुछ विशेषताएँ हैं जो अन्य चूर्णप्रावारो (मोलस्कों) में नहीं पाई जातीं। मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: उनके शरीर की रचना तथा संगठन अन्य जातियों से उच्च कोटि की होती है। वे आकार में बड़े सुडौल, बहुत तेज चलनेवाले, मांसाहारो, बड़े भयानक तथा कूर स्वभाव के होते हैं। बहुतों में प्रकवच (बाहरी कड़ा खोल) नही होता। ये पृथ्वी के प्राय: सभी उष्ण समुद्रों में पाए जाते हैं।
 
मसिक्षेपी (कटल फिश), कालक्षेपी (लोलाइगो), सामान्य अष्टबाहु, स्क्विड तथा मृदुनाविक (आर्गोनॉट) अष्टबाहुओं के उदाहरण हैं। पूर्ण वयस्क भीम (जाएँट) स्क्विड की लंबाई ५० फुट, नीचे के जबड़े ४ इंच तक लंबे और आंखों का व्यास १५ इंच तक होता है।
 
आक्टोपसअष्टबाहु का कोमल, गोलाकार या अंडाकार शरीर दस [[सेंटीमीटर]] से लेकर करीब बीस-पचीस फुट तक लंबा हो सकता है।<ref>{{cite book |last=बनर्जी |first=विवेकानंद |title= इंटर प्राणिविज्ञान |year=जुलाई 2004 |publisher=भारती भवन |location=नई दिल्ली |id= |page= |accessday= 23|accessmonth= मई|accessyear= 2009}}</ref> इसमें कवच नहीं पाया जाता है या अविकसित होता है। इसकी आठ लचीली भुजाएँ होती है जिनके ऊपर भीतर की ओर अवृंत चूषक की दो पंक्तियाँ होती हैं। इन्हीं बाहुओं के सहारे यह आत्मरक्षा करता है या शिकार पकड़ता है। शत्रु के समीप आने पर यह काले द्रव का धुआँ अपनी मसीग्रन्थि से निकालता है जिससे इसकी रक्षा होती है। इसके सिर पर दो स्पष्ट नेत्र होते है और सिर के पश्च-अधरतल पर साइफन होता है। [[चीन]] और [[इटली]] में इसका भोज्य पदार्थ के रूप में प्रयोग होता है। सभी आक्टोपसअष्टबाहु जहरीले होते हैं परन्तु सिर्फ नीले छ्ल्ले वाले अक्टोपस का विष ही मनुष्य के लिए घातक होता है।<ref>[http://uninews.unimelb.edu.au/view.php?articleID=5755 Tentacles of venom: new study reveals all octopuses are venomous, University of Melbourne, Media Release, Wednesday 15 April 2009]</ref> यहां तक कि इसे दुनिया के सबसे विषधर जीवों में से एक माना जाता है।<ref>http://animal.discovery.com/convergence/oceans-deadliest/deadliest-creatures/deadliest-creatures_05.html</ref>
 
आक्टोपसअष्टबाहु दुनिया का सबसे बुद्धिमान अकशेरुकी जीव माना जाता है। समुद्री जलचर विशेषज्ञों के एक दल ने अपने शोध के दौरान दो हजार से अधिक आक्टोपसअष्टबाहु का अध्ययन किया। इस दल का नेतृत्व करने वाले विशेषज्ञ ओलिवर वेलेंसियक ने बताया कि आक्टोपसअष्टबाहु अपने पहले तीन जोड़ी टेंटेकल का इस्तेमाल चीजों को पकड़ने में करता है। इसे इस तरह कह सकते हैं कि आक्टोपसअष्टबाहु अपने अगले छह टेंटेकल को हाथ और सबसे पीछे वाले दो टेंटेकल को पैर की तरह इस्तेमाल करता है। आक्टोपसअष्टबाहु की पकड़ उसकी देखने की शक्ति से जुड़ी होती है। जब आक्टोपसअष्टबाहु की एक आंख कमजोर होने लगती है तो उसकी दूसरी तरफ की बाहें उसका सहारा बनती हैं।<ref>{{cite web |url= http://in.jagran.yahoo.com/news/international/general/3_5_4724850.html/print/
|title=छह हाथ और दो पैर वाला होता है आक्टोपसअष्टबाहु|accessmonthday=[[२१ मई]]|accessyear=[[२००९]]|format=|publisher=जागरण|language=}}</ref>
 
==परिचय==