"देवबन्द": अवतरणों में अंतर

छो r2.7.3) (Robot: Adding ur:دیوبند
No edit summary
पंक्ति 1:
{{ज्ञानसन्दूक भारतीय क्षेत्र |
'''देवबन्द''' [[उत्तर प्रदेश]] के ज़िला सहारनपुर का एक क़स्बा है जो सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच स्थित है। देवबंद से सहारनपुर लगभग 52 किलोमीटर और [[मुज़फ़्फ़रनगर]] 24 किलोमीटर दूर स्थित है। दुनिया में देवबंद दार-उल-उलूम के लिए मशहूर है जो कि एक इस्लामी शिक्षा का केंद्र है। इसमें फ़िक़ह हनफ़ी की शिक्षा दी जाती है। देवबंद में त्रिपुर बाला सुंदरी देवी का मंदिर भी है जिसे पूर्व काल में चमार चौदस कहा जाता था। देवबंद में राधावल्लभ का ऐतिहासिक मंदिर भी है। देवबंद में अधिसंख्या मुसलमानों की है लेकिन एक तिहाई आबादी हिंदुओं की भी है। देवबंद के व्यापार पर हिंदुओं की ही पकड़ है। अधिकांश बड़े बड़े व्यापारी हिंदू ही हैं। विभाजन के बाद पंजाबी समुदाय और सिक्ख समुदाय के लोग भी देवबंद में आकर बस गए। पंजाबी समुदाय की तादाद कम है और सिक्खों की तादाद तो बस गिनती की ही है। रेलवे रोड पर एक गुरूद्वारा भी है।
| नगर का नाम = देवबंद
| प्रकार = क़स्बा
| प्रदेश = उत्तर प्रदेश
| जिला = [[सहारनपुर]]
| शासक पद = [[चेयरमैन]]
| शासक का नाम =
| शासक पद 2 = [[सांसद]]
| शासक का नाम 2 =
| ऊँचाई = 230
| जनगणना का वर्ष = 2011
| जनगणना स्तर =
| जनसंख्या =
| घनत्व =
| क्षेत्रफल =
| दूरभाष कोड = 91-
| पिनकोड =
| वाहन रेजिस्ट्रेशन कोड =
| unlocode =
| वेबसाइट =
| skyline =
| skyline_caption =
| टिप्पणियाँ = |
}}
 
 
'''देवबन्द''' [[उत्तर प्रदेश]] के ज़िला सहारनपुर का एक क़स्बा है जो सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच स्थित है।
 
<gallery>
चित्र:उदाहरण.jpg|चित्रशीर्षक१
चित्र:उदाहरण.jpg|चित्रशीर्षक२
</gallery>
 
'''देवबन्द''' [[उत्तर प्रदेश]] के ज़िला सहारनपुर का एक क़स्बा है जो सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच स्थित है। देवबंद से सहारनपुर लगभग 52 किलोमीटर और [[मुज़फ़्फ़रनगर]] 24 किलोमीटर दूर स्थित है। दुनिया में देवबंद दार-उल-उलूम के लिए मशहूर है जो कि एक इस्लामी शिक्षा का केंद्र है। इसमें फ़िक़ह हनफ़ी की शिक्षा दी जाती है। देवबंद में त्रिपुर बाला सुंदरी देवी का मंदिर भी है जिसे पूर्व काल में चमार चौदस कहा जाता था। देवबंद में राधावल्लभ का ऐतिहासिक मंदिर भी है। देवबंद में अधिसंख्या मुसलमानों की है लेकिन एक तिहाई आबादी हिंदुओं की भी है। देवबंद के व्यापार पर हिंदुओं की ही पकड़ है। अधिकांश बड़े बड़े व्यापारी हिंदू ही हैं। विभाजन के बाद पंजाबी समुदाय और सिक्ख समुदाय के लोग भी देवबंद में आकर बस गए। पंजाबी समुदाय की तादाद कम है और सिक्खों की तादाद तो बस गिनती की ही है। रेलवे रोड पर एक गुरूद्वारा भी है।
हिंदुओं में सनातनी व आर्य, दोनों संप्रदाय के लोग यहां रहते हैं। देवबंद में एक आर्य समाज का मंदिर भी है। अब कुछ साल पहले देवबंद के रेलवे स्टेशन के सामने प्रणामी धर्म वालों ने भी अपना एक मंदिर बना लिया है। रेलवे रोड पर ही निरंकारी मिशन का भवन भी है। ईसाईयों की गिनती बहुत थोड़ी है। सभी लोग एक दूसरे के साथ सद्भावना के साथ रहते हैं और एक दूसरे की ख़ुशी और ग़म में शिरकत भी करते हैं।