"मर्व": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 10:
 
===सासानी काल और इस्लाम का आगमन===
[[ईरान]] के [[सासानी साम्राज्य]] के अर्दाशीर पर्थम (२२०-२४० ईसवी) ने मर्व पर क़ब्ज़ा किया और उसके बाद लगभग ४०० सालों तक यह उस साम्राज्य का हिस्सा रहा। इस काल में यहाँ धार्मिक जीवन में [[पारसी धर्म]], [[बौद्ध धर्म]], [[मानी धर्म]] और पूर्वी सीरियाई [[ईसाई धर्म]] पनपा। इस सासानी काल के बीच में पांचवी सदी के अंत से ५६५ ईसवी तक के अंतराल में यहाँ [[हफथाली लोग|हफथालीयों]] का राज रहा। ७वीं सदी में [[इस्लाम]] उभरा और अरबों ने ईरान और मध्य एशिया पर आक्रमण किया। ६५१ में अंतिम सासानी बादशाह यज़्दगर्द​ तृतीय की हत्या हुई और स्थानीय सासानी राजपाल ने अरबों के आगे हथियार डाल दिए। मर्व अरबों की [[उमय्यद|उमय्यद ख़िलाफ़त]] के [[प्राचीन ख़ुरासान|ख़ुरासान प्रान्त]] की राजधानी बना। इसे अपना अड्डा बनाकर अरबों ने [[बल्ख़]], [[बुख़ारा]], [[फ़रग़ना वादी|फ़रग़ना]] और [[काश्गर]] को जीता और ७वीं शताब्दी में [[चीन]] में [[गांसू प्रान्त]] तक पहुँच गए। मर्व और ख़ुरासान मुस्लिम-बहुसंख्यक बनने वाला विश्व का पहला [[फ़ारसी]]-भाषी इलाक़ा बना और बहुत से अरब भी यहाँ आकर बस गए। [[तलास प्रांत]] में पकड़े गए एक [[हान चीनी|चीनी]] यात्री, दू हुआन, को [[बग़दाद]] ले जाया गया और उसने पूरी ख़िलाफ़त का दौरा किया। बाद में इस अनुभव के बारे में लिखते हुए उसने कहा कि मर्व और ख़ुरासान में अरब और ईरानी लोग मिश्रित रूप से बसे हुए थे।<ref name="ref62ziceh">[http://books.google.com/books?id=ccQMAQAAMAAJ Harvard Middle Eastern and Islamic review, Volume 5], Center for Middle Eastern Studies, Harvard University, 1999, ''... From this place to the Western Sea, Arabs and Persians dwell interspersed ... Several features of Du Huan's description ... Merv's position as an eastern garrison of the Arabs, the presence of Buddhist temples there ...''</ref>
 
==इन्हें भी देखें==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मर्व" से प्राप्त