"गंगाशरण सिंह पुरस्कार": अवतरणों में अंतर

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'गंगाशरण सिंह पुरस्कार' [[केंद्रीय हिंदी संस्थान]], [[मानव संसाधन विकास मंत्रालय]] द्वारा दिया जाने वाला एक प्रमुख साहित्य सम्मान है। यह पुरस्कार राजभाषा [[हिन्दी]] के प्रचार-प्रसार और हिन्दी प्रशिक्षण के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान करने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना १९८९ में केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा की गई थी। यह पुरस्कार एक साहित्यिक एवं हिंदी सेवी सम्मान भी है, जो देश के स्वतंत्रता सेनानी [[गंगाशरण सिंह]] की स्मृति में दिया जाता है, जो देशप्रेमी होने के साथ-साथ एक महान हिन्दी सेवक भी थे। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष चार लोगों को प्रदान किया जाता है। पुरस्कार में एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र तथा शाल दिये जाते हैं। गंगाशरण सिंह पुरस्कार प्रदान करने वाला केंद्रीय हिंदी संस्थान भारत का प्रमुख हिंदी सेवी संस्थान है, जो हिन्दी भाषा को विस्तार देने में कार्यरत है।
! वर्ष
! गंगा शरण सिंह पुरस्कार से सम्मानित विद्वान का नाम
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| १९८९
|[[मोटूरि सत्यनारायण]], गो. पे. नेने, गिरिराज किशोर शाह, शंकर राव लोढ़े, मुतुबाई माने, रजनीकांत चक्रवर्ती, एम. के. वेलायुधन नायर, एस. शारंगपाणि, दत्तात्रेय मिश्र, नरसिंह नंद शर्मा, एच. गोकुलानंद शर्मा,नरेन्द्र अंजरिया, जेठालाल जोशी,आंजनेय शर्मा, र. शौरिराजन, लोकनाथ भराली
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|१९९०
| रामलाल पारीख, ब्रजबिहारी कुमार, बी.एस. शांताबाई, एस. चंद्रमौलि
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|१९९१
|मधुकर राव चौधरी, केशव नायर, नवीन चंद्र कलिता, सी.वी. जोसेफ
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|१९९२
|प्र. द. पुराणिक, एम. सुब्रह्मण्यम, डॉ. तोम्बी सिंह, वे. राधाकृष्णमूर्ति
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|१९९३
|एम. तंकम्मा मलिक, हेमाम नीलमणि सिंह, पं. रामकृष्ण नावड़ा [[करतार सिंह दुग्गल]],
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|१९९४
|सरस्वती रामनाथ, भीमसेन निर्मल, कांतिलाल जोशी, डॉ. तारिणी चरण दास
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|१९९५
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|१९९६
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|१९९७
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|१९९८
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|१९९९
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|२०००
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|२००१
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|२००२
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|२००३
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| २००४
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| २००५
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| २००६
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| २००७
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| २००८
| [[गिरीश कर्नाड]], [[श्याम बेनेगल]],[[ माधुरी छेड़ा]], [[बल्ली सिंह चीमा]]
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| २००९
| प्रो. वाई. लक्ष्मीप्रसाद, [[मधुर भंडारकर]], डॉ. दामोदर खड़से, प्रो.चमनलाल सप्रू
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'गंगाशरण सिंह पुरस्कार' [[केंद्रीय हिंदी संस्थान]], [[मानव संसाधन विकास मंत्रालय]] द्वारा दिया जाने वाला एक प्रमुख साहित्य सम्मान है। यह पुरस्कार राजभाषा [[हिन्दी]] के प्रचार-प्रसार और हिन्दी प्रशिक्षण के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान करने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना १९८९ में केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा की गई थी। यह पुरस्कार एक साहित्यिक एवं हिंदी सेवी सम्मान भी है, जो देश के स्वतंत्रता सेनानी [[गंगाशरण सिंह]] की स्मृति में दिया जाता है, जो देशप्रेमी होने के साथ-साथ एक महान हिन्दी सेवक भी थे। यह पुरस्कार पहले साल सोलह विद्वानों को दिया गया। इसके बाद यह प्रतिवर्ष चार लोगों को प्रदान किया जाता है। पुरस्कार में एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र तथा शाल दिये जाते हैं। गंगाशरण सिंह पुरस्कार प्रदान करने वाला केंद्रीय हिंदी संस्थान, भारत का प्रमुख हिंदी सेवी संस्थान है, जो हिन्दी भाषा को विस्तार देने में कार्यरत है।
 
{{भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मान और पदक}}