"गुदा मैथुन": अवतरणों में अंतर

छो नोट हटाया व चित्र बदला
No edit summary
पंक्ति 10:
इस प्रकार के मैथुन से पुरुषों को आनन्द प्रोस्टेट (पौरुष ग्रन्थि) के उकसाव से आता है जो गुदा के अत्यधिक निकट पाया जाता है। जबकि स्त्रियों को आनन्द इसलिये आता है क्योंकि गुदा पर बहुत सी तन्त्रिकाओं की समाप्ति होती है।
 
भारतीय शास्त्रों में कामसूत्र के जनक [[वात्स्यायन]] ने इसे भी सम्भोग का एक प्रकार बताया है। इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ [[कुरान]] में स्त्रियों की माहवारी (रजस्वला होने) के चार या पाँच दिनों में गुदा मैथुन से पुरुषों की काम वासना की पूर्ति को जायज ठहराया गया है।
 
==बाहरी कड़ियाँ==