"वाचस्पति मिश्र": अवतरणों में अंतर

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वाचस्पति मिश्र प्रथम मिथिला के ब्राह्मण थे जो भारत और [[नेपाल]] सीमा के निकट [[मधुबनी]] के पास अन्धराठाढी गाँव के निवासी थे। इन्होने वैशेषिक दर्शन के अतिरिक्त अन्य सभी पाँचो आस्तिक दर्शनों पर टीका लिखी है। उनके जीवन का वृत्तान्त बहुत कुछ नष्ट हो चुका है। ऐसा माना जाता है कि उनकी एक कृति का नाम उनकी पत्नी '''भामती''' के नाम पर रखा है।
 
दूसरे वाचस्पति मिश्रभीमिश्र भी मिथिला के ही ब्राह्मण थे जोमधुबनीजो मधुबनी थाना के समौल गाँव में जिनकी ४१ पुस्तकें हैं (ये पन्द्रह्मपन्द्रहवीं सदी के अंत और सोलहवीं सदी के प्रारम्भ के राजा भैरव सिंह के समकालीन थे जिनका राज्य १५१५ तक था और फिर राजा रामभद्र के समय अंतिम पुस्तक लिखी )
(१० दर्शन पर और ३१ स्मृति पर ):
 
१० दर्शन पर :
१. न्याय तत्वलोक
२. न्याय सुत्रोद्धार
३. न्याय रत्नप्रकाश
४. प्रत्यक्ष निर्णय
५. शब्द निर्णय
६. अनुमान निर्णय
७. खंडनोद्धार
८. गंगेश के तत्वचिंतामणि पर टीका
९. अनुमानखंड पर टीका
१०. न्याय -चिंतामणि प्रकाश शब्द खंडन पर टीका
 
३१ स्मृति पर :
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२. शुद्धि चिंतामणि
३. तीर्थ चिंतामणि
. . आचार चिंतामणि
. आन्हिक चिंतामणि
६. द्वैत चिंतामणि
७. नीति चिंतामणि (संभवतः नवटोल के लूटन झा के साथ पर कोई पाण्डुलिपि उपलब्ध नहीं किन्तु विवाद चिंतामणि में इसका सन्दर्भ दिया गया है )
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२६ . श्राद्धकल्प
२७. कृत्य प्रदीप
28२८. सार संग्रह
29२९. पितृभक्ति तरंगिणी
 
? ३०. व्रत निर्णय का पूर्वार्ध
?? ३१. ....