"श्याम नारायण पाण्डेय": अवतरणों में अंतर

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==उदाहरण==
पण्दित श्याम नारायण पाण्डेय की वीर रस [[शैली]] का एक उदाहरण उनके प्रसिद्ध खण्डकाव्य ''जय हनुमान'' से-
ज्वलल्ललाट पर अदम्य तेज वर्तमान था,
 
प्रचण्ड मान-भंग-जन्य क्रोध वर्धमान था,