"हाइड्रोजन क्लोराइड": अवतरणों में अंतर

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==विवरण==
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हाइड्रोजन क्लोराइड द्विपरमाणुक अणु है, जिसमें एक हाइड्रोजन परमाणु एच और एक क्लोरीन परमाणु एल सहसंयोजक एकल बंधन से जुड़े होते हैं। चूंकि क्लोरीन परमाणु हाइड्रोजन परमाणु की तुलना में बहुत अधिक निद्युत है, इस कारणवश दो परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधन काफी ध्रुवीय होता है। नतीजतन इस अणु के साथ काफ़ी द्विध्रुवीय पल होता है जिसमें एक नकारात्मक आंशिक आवेग δ<sup>–</sup> क्लोरीन परमाणु पर तथा एक सकारात्मक आंशिक आवेग δ<sup>+</sup> हाइड्रोजन परमाणु पर बना होता है। इसकी उच्च ध्रुवता की वजह से एचसीएल पानी और अन्य ध्रुवीय विलायक में में बहुत घुलनशील होता है।