"नानाजी देशमुख": अवतरणों में अंतर

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==आरम्भिक जीवन==
नानाजी का जन्म [[महाराष्ट्र]] के परभनी जिले के कदोली नामक छोटे से कस्बे में ११ अक्टूबर, १९१६ को हुआ था। नानाजी का लंबा और घटनापूर्ण जीवन अभाव और संघर्षों में बीता. उन्होंने छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया। [[मामा]] ने उनका लालन-पालन किया.किया। बचपन अभावों में बीता। उनके पास शुल्क देने और पुस्तकें खरीदने तक के लिये पैसे नहीं थे किन्तु उनके अन्दर शिक्षा और ज्ञानप्राप्ति की उत्कट अभिलाषा थी। अत: इस कार्य के लिये उन्होने सब्जी बेचकर पढ़ाई के लिए पैसे जुटाते थे.जुटाये। वे मंदिरोंमन्दिरों में रहे और [[पिलानी]] के बिरला इंस्टीट्यूट मेंसे उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की.की। बाद में उन्नीस सौ तीस के दशक में वे [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ|आरएसएस]] में शामिल हो गए.गये। भले ही उनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र [[राजस्थान]] और [[उत्तरप्रदेश]] मेंही रहा.रहा। उनकी श्रद्धा देखकर आरएसएसआर.एस.एस. सरसंघचालक [[माधव सदाशिव गोलवालकर|श्री गुरू जी]] ने उन्हें प्रचारक के रूप में [[गोरखपुर]] भेजा.भेजा। बाद में उन्हें बड़ा दायित्व सौंपा गया और वे उत्तरप्रदेश के प्रांतप्रान्त प्रचारक बने.बने।
 
==आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में==